देवोत्थान पर तुलसी-सालिगराम के विवाह के बाद आज से शादियां शुरू हो जाएंगी. इस अवसर पर शुक्रवार को 500 से ज्यादा बारात शहर मेें निकलेंगी. इसको लेकर महीनों पहले से ही तैयारियां चल रही थीं. एक साथ इतनी शादियां होने से शहर में अचानक से चहल-पहल बढ़ जाएगी.

आगरा(ब्यूरो)। बड़ी संख्या में आगराइट्स एक स्थान से दूसरे स्थान तक जाएंगे। ऐसे में सड़कों पर ट्रैफिक का बोझ बढ़ेगा। इस कारण ट्रैफिक जाम लगने की भी संभावना है। इसलिए घर से थोड़ा समय लेकर ही निकलें। ताकि समय से अपने डेस्टिनेशन तक पहुंच सकें।

शाम छह बजे से शुरू हो जाएगा बैैंड
शहर में शाम छह बजे से ही बैैंड की धुन सुनाई देना शुरू हो जाएगी। सुधीर बैैंड के रिक्की शर्मा ने बताया कि दो शिफ्ट में बैैंड बजेंगे। पहली शिफ्ट शाम छह बजे से शुरू हो जाएगी और आठ बजे तक बजेंगी। दूसरी शिफ्ट नौ बजे से 11 बजे तक चलेगी। इसके लिए पहले से बुकिंग हो चुकी हैैं। इस बार कम शादी की तिथियां निकली हैैं। ऐसे में नवंबर और दिसंबर दोनों ही माह में एक ही दिन में ज्यादा शादियां हैैं।

पंजाबी गानों का ट्रेंड
रिक्की बताते हैैं कि सहालग में नए गाने तैयार किए जाते हैैं। इस बार भी नए गाने तैयार किए गए हैैं। उन्होंने बताया कि अब पब्लिक को बॉलीवुड जैसी शादियां पसंद हैैं। जैसे टीवी में बारात में पंजाबी गाने बजाए जाते हैैं। ठीक वैसे ही यहां भी पंजाबी गानों की डिमांड है। अब अरे दुनिया वालो शराबी न समझो की जगह-जगह पर बारातों में सौदा खरा-खरा जैसे पंजाबी गाने ज्यादा सुनने को मिलेंगे।

एमजी रोड पर नहीं निकलेगी बारात
रिक्की शर्मा ने बताया कि एमजी रोड और फतेहाबाद रोड पर बारात नहीं निकाली जाएंगी। इन दोनों रोडों पर बारात निकालने को लेकर प्रशासन की ओर से प्रतिबंध है।

इन क्षेत्रों में रहेगी ट्रैफिक की स्थिति
-संजय प्लेस
- घटिया
- शाहगंज
- बोदला
- सुल्तानगंज पुलिया
- खंदारी
- भगवान टॉकीज


यह है देवोत्थान का महत्व
राधाकृष्ण मंदिर के पुजारी पं। राजेश प्रसाद शुक्ला ने बताया कि कार्तिक शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि प्रबोधिनी या देवउठनी एकादशी नाम से विख्यात है। इसे देवोत्थान एकादशी या देवोत्थान भी कहा जाता है। इस दिन से चातुर्मास (चौमासा) की चार महीने की अवधि का अंत भी माना जाता है। इन चार महीने में भगवान विष्णु निद्रा में होते हंै। मान्यता है कि भगवान विष्णु शयनी एकादशी को सोते हैं और प्रबोधिनी एकादशी पर जागते हैं, इस प्रकार इस दिन को प्रबोधिनी एकादशी, विष्णु-प्रबोधिनी, हरि-प्रबोधिनी, देव-प्रबोधिनी, उत्थान एकादशी, देवथन, देव उत्सव एकादशी या देव ऊथी एकादशी भी कहा जाता है।

प। राजेश प्रसाद शुक्ला ने बताया कि चातुर्मास में हिंदू धर्म में विवाह निषिद्ध होता है। प्रबोधिनी एकादशी से हिंदू धर्म में विवाह और अन्य मांगलिक कार्यों की शुरुआत होती है। प्रबोधिनी एकादशी के बाद कार्तिक पूर्णिमा आती है, जिसे देव दीपावली या देवताओं की दिवाली के रूप में मनाया जाता है।

शाम छह बजे तक रहेगा मुहुर्त
पं। शुक्ला ने बताया कि इस बार देवउठनी एकादशी शुक्रवार चार नवंबर 2022 को है। एकादशी तिथि तीन नवंबर को शाम 7.22 बजे शुरू होगी और पांच नवंबर को शाम 6.08 बजे संपन्न होगी।

विवाह के शुभ मुहूर्त
-नवंबर 2022 में विवाह के लिए शुभ मुहूर्त 24, 25, 27 और 28 है।
- दिसंबर 2022 में विवाह के शुभ मुहूर्त 02, 07, 08, 09, 23 और 24 हैैं।


बारात के लिए बुकिंग पहले ही हो चुकी थीं। शुक्रवार को शहर में 500 से अधिक बारात निकलेंगी। इस बार पंजाबी गाने ज्यादा सुनाई देंगे।
- रिक्की शर्मा, सुधीर बैैंड

गुरुवार शाम 7.22 बजे शुक्रवार शाम 6.08 बजे तक देवउठनी एकादशी है। इस दौरान तुलसी-सालिगराम का विवाह होगा और शुभ मुहुर्त शुरू हो जाएगा।
- पं। राजेश प्रसाद शुक्ला

Posted By: Inextlive