50 फीसदी लोगों को नहीं मिल पाती सर्जिकल मदद
विकसित हो रहीं नई-नई तकनीक
अमासी के नेशनल प्रेसिडेंट डॉ.वर्गीज सीजे ने बताया कि एसोसिएशन द्वारा सर्जन्स को आधुनिक तकनीकों से ट्रेंड कर देश के हर कोने में जरूरतमंद मरीजों के लिए बेहतरीन सुविधाएं उपलब्ध कराने का उद्देश्य है। उन्होंने कहा कि सर्जरी के क्षेत्र में प्रत्येक 10 वर्षों में कुछ न कुछ नई तकनीक विकसित हो रही हैं। जरूरी है कि सर्जन इन तकनीकों को सीखें और खुद को अपडेट रखें, जिससे देश के हर मरीज तक इसका लाभ पहुंच सके।
लैप्रोस्कोपी सर्जरी से जल्दी रिकवरी
अमासी के पूर्व प्रेसिडेंट डॉ। तमोनास चौधरी ने कहा कि भारत में लैप्रोस्कोपिक सर्जरी बहुत जरूरी है, क्योंकि 70 फीसदी लोग शारीरिक श्रम वाले कामों से जुड़े हैं, जिसमें जल्दी से जल्दी काम पर लौटना होता है। दिल्ली से आए डॉ। विक्रांत शर्मा ने बताया कि बच्चेदानी के कैंसर में लैप्रोस्कोपिक सर्जरी काफी कारगर है। जिसमें कम दर्द और इंजरी, जल्दी रिकवरी होने के साथ आवश्यकता होने पर मात्र 10-12 दिन बाद कीमो दी जा सकती है। जबकि ओपन सर्जरी में कीमों देने के लिए 4-6 हफ्तों का लंबा इंतजार करना पड़ता है। इसके बावजूद भारत में 15-20 फीसदी सर्जन ही लैप्रोस्कोपिक सर्जरी कर रहे है।
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दूर हो सकेंगे आईवीएफ केस
दिल्ली की निकिता त्रेहान ने बताया कि बदलती जीवनशैली, खान-पान व देर से विवाह के कारण आईवीएफ के मामलों में भी इजाफा हो रहा है। इसके लिए दूरबीन विधि से अंडाशय में स्टैम सेल डालकर अंडों को स्ट्रांग कर दिया जाता है। इससे अधिक उम्र में गर्भधारण करने की संभावना बढ़ जाती है। इससे आईवीएफ के मामलों में 70 फीसदी तक कमी लाई जा सकती है। वहीं बार-बार गर्भपात की समस्या में दूरबीन विधि से बच्चेदानी का मुंह ऊपर से बंद कर 70-80 फीसदी गर्भपात के मामलों को कम किया जा सकता है।
यह रहे मौजूद
एग्जामिनेशन के कोर्स कन्वीनर डॉ। मयंक जैन ने बताया कि 200 से अधिक सर्जन एंडो ट्रेनर पर ट्रेनिंग ले रहे हैं, जिसमें देशभर के सर्जन शामिल हैं। रविवार को परीक्षा होगी। इस अवसर पर आयोजन समिति के डॉ। प्रशांत गुप्ता, डॉ। ज्ञान प्रकाश, डॉ। अपूर्व चतुर्वेदी, डॉ। हिमांशु यादव, डॉ। जूही सिंघल, डॉ। जगत पाल, डॉ। आराधना आदि मौजूद रहीं।
सर्जरी के क्षेत्र में प्रत्येक 10 वर्षों में कुछ न कुछ नई तकनीक विकसित हो रही हैं। इन तकनीकों को साझा कर सर्जन्स को अपडेट करना जरूरी है।
- डॉ। वर्गीज सीजे, प्रेसिडेंट, अमासी
जीवनशैली, देर से विवाह के कारण आईवीएफ के केस बढ़ रहे हैैं.इसे दूरबीन विधि से आसानी से सॉल्व किया जा सकता है।
- डॉ। निकिता त्रेहान
- डॉ। विक्रांत शर्मा