खतरे से खेल रहे थे 'वीआईपी'
आगरा(ब्यूरो)। पियरकैप की कंकरीट दम तोड़ चुकी है। इसके कारण ज्वॉइंट सस्पेंशन गैप बढऩे लगा था। इस कारण से पुल की मजबूती प्रभावित होने लगी थी। कई स्थानों से टूटने भी लगा था। रेङ्क्षलग टूट चुकी है।
एक्सपेंशन ज्वॉइंट गल चुके
मार्ग वीआईपी है। खेरिया हवाई अड्डा से ताजमहल तक इसी आरओबी से गुजरना होता है। बेदम हो चुके इस आरओबी की एक्सपेंशन ज्वॉइंट गल चुके हैं। यह दो स्लीप के बीच में लगाई जाती है। गर्मी और सर्दी के मौसम में यह काफी कारगर साबित होती है। यह स्लीपों को टूटने नहीं देती है। इसके खराब हो जाने से स्लीपें टूटने लगती हैं। इसके बाद इनके बीच से पानी नीचे जाने लगता है, जिससे कंकरीट भी प्रभावित होने लगती हैं। वहीं दूसरी ओर बियङ्क्षरग जाम हो जाने से ट्रैफिक लोड से पियरकैप, गरडरवीम प्रभावित होने लगते हैं। बियङ्क्षरग खराब हो जाने से लाइव लोड को सहने की क्षमता खत्म हो जाती है। इसके कारण लाइव लोड सीधे तौर पर बियङ्क्षरग पेडस्टल, पियरकैप प्रभावित होने लगते हैं। ये दोनों ही बिल्कुल खराब हो चुके हैं, जिन्हें बदले जाने का कार्य चल रहा है। अगर इन्हें एक साल और न बदला जाता तो कोई भी गंभीर हादसा हो सकता था।
सेतु को लिफ्ट कर बदलीं जाएंगी बियङ्क्षरग
मरम्मत कार्य कर रही एएम बिल्डर्स के तकनीकी इंजीनियर इसरार अहमद ने बताया कि बियङ्क्षरग बदले जाने के लिए सेतु को लिफ्ट किया जाएगा। इसके बाद ही उन्हें बदला जाएगा। उन्होंने बताया कि सभी बियङ्क्षरगों को बदला जाना है। वहीं एक्सपेंशन ज्वाइंट बदले जा रहे हैं। ये वाटरप्रूफ का कार्य करते हैं।
आरओबी का कार्य काफी तेज गति से चल रहा है। सेतु के ऊपर से बिटुमिन लेयर को हटा दिया गया है। इसके बाद 40 एमएम बीसी का कार्य होगा। इपोक्सी गाउड (लिक्विड) भरा जा रहा है, ताकि पियरकैप की कंकरीट को मजबूत किया जा सके। वर्टिकल गार्डन नहीं हटने से कार्य प्रभावित
आरओबी पर लगे वर्टिकल गार्डनों को नहीं हटाया जा रहा है। नगर निगम से पीडब्ल्यूडी की ओर से कई बार उन्हें हटाए जाने के लिए कहा गया है, लेकिन अभी तक नहीं हटाया गया है, जिसके कारण रेङ्क्षलग का कार्य प्रभावित हो रहा है। कार्यदायी संस्था एएम कई बार इन्हें हटवाए जाने के लिए पीडब्ल्यूडी विभाग के अधिकारियों से कह चुकी है।
समय-समय पर मरम्मत के कार्य न होने से नुकसान तो होता ही है। नुकसान न हो इसके लिए ही खेरिया-ईदगाह आरओबी की मरम्मत कराई जा रही है।
पीके शरद, अधिशासी अभियंता, प्रांतीय खंड