जादुई दुनिया से रूबरू कराएगी 'दि वल्र्ड ऑफ मैजिकल पॉवर्स', आठ वर्ष की उम्र में पहली बुक लिख चुके हैं अक्षर
आगरा(ब्यूरो)। दयालबाग निवासी फंटेसी राइटर अक्षर मिश्रा (14) ने बताया कि 'दि वल्र्ड ऑफ मैजिकल पॉवर्सÓ स्टोरी की शुरूआत तीन करेक्टर सैम, टैम और रॉकी से होती है। हैलोवीन नाइट के दौरान ये तीनों करेक्टर मैजिकल वल्र्ड की दुनिया में चले जाते हैं। वहां उन्हें किस तरह की रहस्यमय दुनिया देखने को मिलती है। किन चुनौतियों से जूझना पड़ता है। इसको विस्तृत रूप से इसमें लिखा गया है। जल्द ही बुक का विमोचन प्रिल्यूड पब्लिक स्कूल में किया जाएगा।
सेकेंड पार्ट भी आएगाअक्षर बताते हैं कि दि वल्र्ड ऑफ मैजिकल पॉवर्स की सेकेंड बुक भी वह जल्द ही लिखेंगे। क्योंकि पहली बुक की स्टोरी में तीनों करेक्टर किसी तरह घर तो लौट आते हैं, लेकिन मैजिकल दुनिया में रहने के दौरान उनके कई दोस्त बनते हैं, जो अब तक घर नहीं लौटे हैं। उसको सेकेंड बुक में लिखा जाएगा।
पहली बुक आठ वर्ष की उम्र में लिखी
14 वर्षीय अक्षर की ये दूसरी बुक है। वह अपनी पहली बुक आठ वर्ष की उम्र में लिख चुके हैं। उस बुक का नाम था 'दि डजन स्परिंग टेल्सÓ। इसमें 12 इंस्पारिंग स्टोरी लिखी गईं थीं।
सोच को पेपर पर जरूर लिखें
फंटेसी और फिक्शन राइटिंग के बारे में बात करते हुए अक्षर कहते हैं कि हर किसी को सोचना चाहिए। वह कुछ भी सोचें। लेकिन उसे लिखें जरूर। कई बार आपकी सोच से अच्छी काल्पनिक स्टोरी निकलकर आती हैं।
राइटर के रूप में खुद की उपलब्धि के लिए वह अपने फादर शब्द मिश्रा और मदर नम्रता मिश्रा के साथ प्रिल्यूड पब्लिक स्कूल के डायरेक्टर डॉ। सुशील गुप्ता का काफी सहयोग रहा। सभी ने मोटिवेट करते हुए मेरी बुक प्रकाशित करने में भी मदद की।