सुबह दुकान खोलते हैं तो सड़क करीब 40 फीट की नजर आती है. लेकिन दिन गुजरने के साथ ही सड़क संकरी हो जाती है. दोपहर तक हालात ये हो जाते हैं कि पैदल निकलना भी मुश्किल हो जाता है. इसका असर व्यापार पर भी पड़ता है. कस्टमर यहां आने की जगह मॉल में जाना पसंद करता है. ये कहना है कि सिंधी बाजार में रेडीमेड व्यापारी सुनील का. ये परेशानी सिर्फ उनकी ही नहीं है बल्कि शहर के पुराने मार्केट अतिक्रमण से कराह रहे हैं.

आगरा। दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की टीम मंगलवार सुबह करीब छह हॉस्पिटल रोड पर पहुंची। यहां सड़क अतिक्रमण मुक्त दिखी। वाहनों को निकलने में भी किसी तरह की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ रहा था। दोपहर करीब दो बजे टीम दोबारा इसी स्पॉट पर पहुंची तो वाहन से छोडि़ए पैदल निकलने में दिक्कतों का सामना करना पड़ा।


अतिक्रमण की मुख्य वजह

1. सड़क तक दुकानें
हॉस्पिटल रोड पर कई बाजार हैं, तो यहां दुकानों की संख्या भी हजारों में है। कई दुकानदार सड़क तक अपनी दुकान सजा लेते हैं। इसके चलते सड़क संकरी हो जाती है। फुटपाथ गायब हो जाता है। वाहनों की रफ्तार थम जाती है। जाम लगना शुरू हो जाता है।

2. सवारी वाहन भी परेशानी
हॉस्पिटल रोड स्थित बाजारों में रोज की संख्या में हजारों की संख्या में लोगों का आवागमन होता है। ऐसे में यहां सवारी वाहनों का जमघट भी अधिक रहता है। वाहन चालक भीड़भाड़ वाले इस मार्ग पर मनमानी करते हैं। सवारी बैठाने के लिए बीच रास्ते वाहन खड़ा कर देते हैं।

3. लोडिंग व्हीकल ब्लॉक करते हैं रोड
दिन में ही दुकानों पर माल लाने और ले जाने के लिए लोडिंग व्हीकल भी इसी रास्ते से गुजरते हैं। इस दौरान दुकान के सामने ही लोडिंग व्हीकल को खड़ा कर माल उतारा जाता है। सड़क संकरी हो जाती है। इससे जाम की स्थिति बन जाती है।

4. दुकान के सामने खड़े होते हैं वाहन
बाजार में सबसे अधिक समस्या पार्किंग की है। हॉस्पिटल रोड स्थित किसी भी बाजार में पार्किंग की प्रॉपर व्यवस्था नहीं है। फोर व्हीलर से तो इस बाजार में शॉपिंग की ही नहीं जा सकती। टू-व्हीलर लेकर पहुंचने वाले कस्टमर भी वाहन को दुकान के सामने ही सड़क पर खड़ा करते हैं।

हॉस्पिटल रोड पर दुकानें

10 हजार से अधिक

हॉस्पिटल रोड इन मार्केट को जोड़ता है
- सिंधी बाजार
- फव्वारा
- नमक की मंडी
- रावतपाड़ा
- किनारी बाजार
- दरेसी बाजार के लिए भी रास्ता
- सेठ गली
- चौबे जी का फाटक
- कोतवाली
- कसरेट बाजार


कार्रवाई का प्रावधान
अनाधिकृत रुप से सार्वजनिक उपयोग की जमीन या वस्तु पर कोई व्यक्ति उल्लंघन करते हुए अतिक्रमण करता है। तो आईपीसी की धारा 447 के तहत कार्रवाई का प्रावधान है।


शहर में अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई लगातार होती है। इससे पहले अवैध अतिक्रमण को चिह्नित करते हुए नोटिस जारी किया जा है। अतिक्रमण न हटने पर नगर निगम की टीम द्वारा कार्रवाई की जाती है।
एके। सिंह, प्रवर्तन दल अधिकारी, नगर निगम


पहले ये रेजीडेंशियल एरिया था। अब ये कमर्शियल रूप ले चुका है। वाहन पार्किंग की व्यवस्था है नहीं। एक दुकान पर तीन मालिक और तीन कर्मचारी आते हैं। वे भी स्कूटी से आते हैं। दुकानदारों ने पहले से ही दुकानों को आगे बढ़ा रखा है। इस अतिक्रमण के चलते जाम लगा रहता है।
आशीष शर्मा, प्रेसिडेंट, आगरा महानगर केमिस्ट एसोसिएशन


यहां पूरे दिन भीड़ रहती है। रोड के दोनों ओर अतिक्रमण है। दोपहिया वाहनों की पार्किंग भी रोड पर ही कर दी है। निकलने तक को रास्ता नहीं रहता है। फुटपाथ का तो कहीं अता-पता नहीं है। जिम्मेदारों को इस ओर ध्यान देना चाहिए।
प्रियदर्शी जायसवाल


यहां अतिक्रमण को हटाने के लिए अभियान चलाया गया था। अतिक्रमण हट गया था। कुछ दिन बाद फिर से अतिक्रमण हो गया। पुलिस की ओर से भी कोई कार्रवाई नहीं की जाती है।
सोनू कुमार


शहर में जहां देखो अतिक्रमण नजर आ जाएगा। बड़ी बात तो ये है कि नगर निगम की टीम लगातार अतिक्रमण को हटाने का अभियान चला रही है। दो चार दिन बाद स्थिति जस की तस हो जाती है। इसके लिए एरिया वाइज जिम्मेदार नोडल अधिकारी तैनात करने चाहिए।
विकास कुमार


मार्केट में जो भी दुकानदार है। वे एसएन की पार्किंग में वाहनों को पार्क करते हैं। वहां शुल्क अदा करते हैं। इसके अलावा दो मॉल तैयार है। वहां पार्किंग की व्यवस्था है। मार्केट में जब ग्राहकों की ज्यादा भीड़ होती है। जो कभी-कभी जाम की स्थिति बन जाती है। वैसे रोड पर जाम की स्थिति नहीं रहती है। गुलाब चंद, अध्यक्ष, सिंधी बाजार एसोसिएशन


अतिक्रमण पर पिछले वर्षों में वसूला जुर्माना

वर्ष 2017-18: 5.45 लाख
वर्ष 2018-19: 26.81 लाख
वर्ष 2019- 20: 33.17 लाख
वर्ष 2020-21: 11.52 लाख
वर्ष 2021- मार्च 2022: 3.29 लाख

Posted By: Inextlive