ताजनगरी से तुर्किए पहुंचे 'भगवान' आपदा में फंसे लोगों को 'जीवनदान' दे रहे हैं. 72 घंटे मलबे में दबे रहने के बाद 13 साल की एक मासूम का इलाज कर रहीं ब्रिगेड की मेजर बीना तिवारी को जब एक स्थानीय महिला ने गले लगाकर चूमा तो इस सीन को देखकर हर भारतीय को 'इंडियन आर्मी' पर फख्र होना लाजिमी है.

अखिल कुमार
आगरा: ऐसे कई फोटोज तुर्किए से विदेश मंत्रालय के माध्यम से आए हैं, जिन्होंने हमें हमारी सेना पर गर्व करने का अवसर दिया है। अत्याधुनिक मेडिकल उपकरणों के साथ 24 घंटे मेडिकल सेवाएं दे रहे ब्रिगेड के जवान रेस्क्यू ऑपरेशन में भी शामिल हैं।


जीवनदान दे रहा 'ऑपरेशन दोस्त'
बीते मंगलवार को भूकंप त्रासदी में घायलों का इलाज करने के लिए 50वीं पैराशूट ब्रिगेड (स्वतंत्र) की मेडिकल टीम आगरा से तुर्किए रवाना हुई थी। दो विमानों में आगरा एयरबेस से ब्रिगेड के 99 जवान तुर्किए रवाना हुए थे। टीम विमानों में अपने साथ एक्स-रे मशीन, वेंटीलेटर, ऑपरेशन थियेटर सहित अन्य उपकरण भी लेकर गई थी। मंगलवार को ही ब्रिगेड ने तुर्किए में रेस्क्यू ऑपरेशन स्टार्ट कर दिया था। बुधवार को विदेश मंत्रालय के आधिकारिक प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि 'ऑपरेशन दोस्त' के तहत फील्ड अस्पताल भारतीय सेना द्वारा तुॢकए में हटे प्रांत के इस्केंडरुन में स्थापित किया गया है। वहीं, विदेश मंत्री एस। जयशंकर ने ट्विटर पर लिखा, 'तुॢकये में यह फील्ड अस्पताल भूकंप से प्रभावित लोगों का इलाज करेगा, चिकित्सा और क्रिटिकल केयर विशेषज्ञों और उपकरणों की हमारी टीम आपात स्थिति के इलाज की तैयारी कर रही है। भारत में तुर्किए के राजदूत फिरत सुनेल ने 'ऑपरेशन दोस्त' को एक 'बहुत महत्वपूर्ण ऑपरेशन' बताया है।

मिल रही है 'शाबासी'
तुर्किए में मेडिकल सेवाएं दे रहे आर्मी के जवानों को विश्वभर में शाबासी मिल रही है। सोशल मीडिया पर यूजर्स ने टीम का हौसला बढ़ाते हुए उनके प्रयासों की सराहना की है। वहीं, विदेश मंत्रालय ने इस रेस्क्यू ऑपरेशन को 'ऑपरेशन दोस्त' का नाम दिया है। आगरा की 50वीं पैराशूट ब्रिगेड (स्वतंत्र) की मेजर बीना तिवारी ने ऑपरेशन के संबंध में जारी एक वीडियो में कहा कि यहां 99 इंडियन आर्मी के 'आर्मी मेडिकल कोर' के जवान मुस्तैद हैं। ब्रिगेड के पास सभी अत्याधुनिक हेल्थ उपकरण मौजूद हैं। तुर्किए में बचाव और राहत कार्य तेजी से चल रहा है। मेजर बीना तिवारी के नेतृत्व में मलबे में दबी एक 13 साल की मासूम को बचाया गया, यह मासूम ने भूकंप त्रासदी में अपने 3 परिजनों को खोया है। इसके बाद वहां मौजूद एक महिला ने मेजर को गले लगा लिया और कृतज्ञता जताते हुए चूम लिया। इसके अलावा विदेश मंत्रालय द्वारा कई अन्य फोटोज भी जारी किए गए हैं जिसमें मेडिकल सेवाएं दे रही आर्मी के प्रति तुर्किए के नागरिक आभार जता रहे हैं।


स्पेशल ड्रेस के साथ जवान
आगरा की 50वीं पैराशूट ब्रिगेड के जवान स्पेशल ड्रेस के साथ 'ऑपरेशन दोस्त' का हिस्सा बनने के लिए तुर्किए पहुंचे हैं। माइनस 2 डिग्री तापमान में रेस्क्यू ऑपरेशन प्रभावित न हो इसके इंतजाम के साथ आर्मी के जवान तुर्किए पहुंचे हैं। जवानों के पास बर्फ में न फिसलने वाले खास किस्म के जूते जवानों के पास हैं। इसके अलावा भीषण सर्दी और गलन से बचाव के लिए अलग से डे्रस, ग्लब्स और ट्राउजर जवान अपने साथ लेकर गए हैं।

खास है 50वीं पैराशूट ब्रिगेड
50वीं पैराशूट ब्रिगेड (स्वतंत्र) की मेडिकल टीम तुर्किए में 'ऑपरेशन दोस्त' को संचालन कर रही है। बता दें कि इससे पूर्व कई आपरेशन में भी पैराशूट ब्रिगेड ने अहम भूमिका निभाई है। हर मोर्चे पर यह ब्रिगेड सफल रही है। यह जवान किसी भी माहौल में खुद को ढाल लेते हैं और मदद के लिए आगे बढ़ते जाते हैं। इस ब्रिगेड का मुख्यालय आगरा में है। ब्रिगेड भारतीय सेना का हिस्सा है। इसमें दो एयरबोर्न बटालियन शामिल हैं। इसी में एक इकाई पैरा फील्ड अस्पताल की भी है। वर्मा अभियान हो या फिर ऑपरेशन कैक्टस, ऑपरेशन विजय व भारतीय अनुबंध। इन सभी में इस ब्रिगेड का अहम रोल रहा है। इस ब्रिगेड के कई बेहतरीन कमांडर रहे हैं। जिसमें पहला नाम ब्रिगेडियर मोहम्मद उस्मान का आता है फिर ब्रिगेडियर सगत ङ्क्षसह व ब्रिगेडियर फारुख बुलसरा शामिल हैं।

Posted By: Inextlive