नगर निगम के सदन में दागी पर 'दंगल'
आगरा(ब्यूरो)। मेयर हेमलता दिवाकर कुशवाहा ने नगर आयुक्त अंकित खंडेलवाल को बुधवार को राकेश बंसल को अपना ओएसडी बनाए जाने का पत्र भेजा। पत्र के सार्वजनिक होते ही सियासी गलियारों में चर्चाएं शुरू हो गईं। शुक्रवार को बजट पेश करने के लिए नगर निगम का सदन था। दोपहर 12 बजे से सदन शुरू होना था, लेकिन साढ़े 12 बजे से हुआ। राष्ट्रगान के बाद निगम की कार्यवाही शुरु होने वाली थी कि तभी बसपा पार्षद कप्तान सिंह खड़े हो गए। उन्होंने सदन में बोलने के लिए दो मिनट का समय मांगा, इसका भाजपा पार्षदों ने विरोध किया। दोनों ओर से नोकझोंक शुरू हो गई। बसपा पार्षदों ने 'भ्रष्टाचारी की नगर निगम में जगह नहीं, राकेश बंसल भ्रष्टाचार की नियुक्ति नहीं होगी-नहीं होगी, राकेश बंसल भ्रष्टाचारी नगर निगम में नहीं चाहिए-नहीं चाहिएÓ लिखे बैनर निकाल लिए। पार्षद सदन में ही धरने पर बैठ गए। नारेबाजी शुरू कर दी।
खींचतान की स्थिति बनी
इस दौरान भाजपा पार्षदों की ओर से अभद्रता से पेश आने पर बसपा पार्षद सुनील शर्मा भड़क गए। इस पर भाजपा और बसपा पार्षदों के बीच खींचतान की स्थिति बन गई। हाथापाई की नौबत आती दिखी, लेकिन वरिष्ठ सदस्यों ने स्थिति को संभाला। हंगामा होते देख सदन को स्थगित कर दिया गया। दोपहर करीब एक बजे फिर से सदन शुरू हुआ। इस पर बसपा पार्षद शर्म करो, शर्म करो के नारे लगाते हुए वाकआउट कर गए। सदन के बाहर गैलरी में बसपा पार्षद धरने पर बैठ गए। सदन की कार्यवाही के दौरान बसपा पार्षद बाहर धरने पर बैठ नारेबाजी करते रहे।
हेमलता दिवाकर कुशवाह, मेयर
क्यों मचा है बवाल!
भ्रष्टाचार से 238 करोड़ की संपत्ति जुटाने के आरोप में हटाए गए नगर निगम के संविदाकर्मी राकेश बंसल को महापौर ने अपना ओएसडी चुन लिया है। मेयर ने पत्र में लिखा कि मेयर कार्यालय में कोई अनुभवी व्यक्ति नहीं है। राकेश बंसल को नगर निगम में सेवाएं देने का 15 वर्ष का अनुभव है। उनके अनुभव को देखते हुए ओएसडी बनाया गया है। बंसल वही शख्स है, जिसकी शिकायत भाजपा के छावनी क्षेत्र से विधायक डॉ। जीएस धर्मेश ने नगर निगम में 12 वर्ष तक टेंडर पूल करने, अवैध वसूली, ब्लैकमेल करने के आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री से शिकायत की थी। जिस पर विजिलेंस जांच शुरू हुई। नगर आयुक्त निखिल टीकाराम फुंडे ने ठेकेदारों से कमीशन लेने के मामले में राकेश बंसल की सेवा समाप्त कर दी। 2021 में भाजपा के छावनी से विधायक डॉ। जीएस धर्मेश ने शास्त्रीपुरम निवासी रोहित शर्मा की शिकायत को आधार बनाकर शिकायत की थी।