ताजमहल में सात साल में बदले 2.5 करोड़ के पत्थर
आगरा(ब्यूरो) । सूचना के अधिकार के तहत मांगी की सूचना में एएसआई के सूचना अधिकारी महेश चंद्र मीणा ने जवाब देते हुए बताया है कि शाहजहां-मुमताज की कब्र, संगमरमर की मुख्य इमारत, रॉयल गेट और दूसरे हिस्सों में लगे पत्थरों को रिपेयर करने के लिए सात साल में ढाई करोड़ के टेंडर हुए हैैं। आरटीआई में दी गई जानकारी के अनुसार एएसआई ने साल 2021-22 में दक्षिण और पश्चिमी मीनारों पर 15.77 लाख का काम कराया। 2018-19 में 51 लाख, 2017-18 में 42 लाख, 2016-17 में 20 लाख और 2015-16 में 12141 रुपए का काम कराया गया।
42 तरह के लगवाए थे पत्थर
इतिहासकारों और द ताज एंड इट्स एनवॉयरमेंट में दी गई जानकारी के अनुसार ताजमहल के निर्माण के दौरान 42 तरह के पत्थर लगवाए गए थे। मौलवी मुईनुद्दीन ने भी अपनी किताब में इसका जिक्र किया है। इतिहासकारों के अनुसार ताजमहल में पच्चीकारी के लिए 540 अफीक के पत्थर बगदाद से आए थे। 670 फिरोजा के पत्थर तिब्बत से आए थे, 143 मूंगा के पत्थर भारत के अलग-अलग हिस्सों से लाए गए। 74 नीलम मंगाए गए। 42 जवाहरात मंगाए गए। वहीं 142 बड़कसान से रूबी मंगाए गए थे।
एएसआई आगरा सर्किल के अधीक्षण पुरातत्वविद राजकुमार पटेल ने बताया कि ताजमहल पर 1920 से संरक्षण का कार्य किया जा रहा है। इससे पहले ताजमहल से काफी सारी चीजें गायब हुईं। इसके साथ ही जो पत्थर गिर जाते हैैं, उन पत्थरों की कोई एंट्री नहीं की जाती है। उस जगह को चिन्हित करके रिपेयरिंग की जाती है। वहां पर नया पत्थर लगाया जाता है। जिन चीजों का कोई एतिहासिक महत्व होता है, उन्हें सुरक्षित किया जाता है। ताजमहल के म्यूजियम में कई सारी एतिहासिक चीजों को सुरक्षित भी रखा गया है।
पत्थर टूटकर गिरते हैैं तो वह किसी काम के नहीं होते हैैं। कोई एतिहासिक चीज होती है तो उसे सहेजकर रखा जाता है। जब किसी हिस्से की रिपेयरिंग होती है तो टेंडर में पत्थर के साथ लेबर सहित पूरा खर्चा शामिल होता है।
- राजकुमार पटेल, अधीक्षण पुरातत्वविद, एएसआई
ताज में पत्थर बदलने पर खर्च हुई राशि
साल राशि
2021-22 - 15.77 लाख 2018-19 में 51 लाख
2017-18 - 42 लाख
2016-17 - 20 लाख
2015-16 - 12141 रुपए