156 बिल्डिंग पर मंडरा रहा खतरा
रखरखाव के अभाव में हो रहीं जर्जर
पुराने शहर में कई ऐसी इमारतें हैं, जो मुगलकालीन हैं। इनके साथ ही कई पुराने घर भी जर्जर स्थिति में हैं। उचित रखरखाव के अभाव में इमारतें जर्जर होती जा रहीं हैं, लेकिन उनमें रहने वालों का इस ओर ध्यान नहीं है। समय-समय पर नगर निगम शहर में ऐसे भवनों की जांच करता है। ऐसी इमारतों को खाली कराकर धराशायी कराया जाता है। शहर में करीब 156 भवनों को जर्जर घोषित कर दिया गया है। इन भवनों में रहने वाले और संपत्ति के मालिकों को नोटिस जारी करके भवन खाली करने के निर्देश दिए हैं।
जर्जर भवनों की संख्या
जोन भवन
छत्ता जोन 101
हरीपर्वत जोन 09
लोहामंडी जोन 34
ताजगंज जोन 12
कई को बना दिया गोदाम
सबसे अधिक गिरासू भवन छत्ता जोन में है। यहां मुगलिया दौर की इमारतें हैं। 100 से अधिक भवन हैं, जो जर्जर हैं। इसके बाद दूसरे नंबर पर लोहामंडी जोन आता है। यहां करीब 34 भवन हैं, जो जर्जर हालत में हैं। छत्ता जोन में कई भवन तो ऐेसे हैं, जहां लोग निवास करते हैं। जबकि कुछ भवन ऐसे हैं, जहां लोगों ने रहना छोड़ दिया है। लेकिन इनका प्रयोग गोदामों के रूप में किया जा रहा है। ऐसे भवनों को चिह्नित करर नोटिस जारी किए गए, लेकिन भवन स्वामियों की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई।
नगर निगम की टीम किसी भी भवन को जर्जर घोषित करती है। अगर भवन की बीम या छत गिरासू होती है तो निगम की टीम सर्वे करने के बाद उसे जर्जर डिक्लेयर करती है। इसके बाद निगम की टीम मकान मालिक को भवन को तोडऩे के लिए नोटिस जारी करती है।
इन एरियाज में जर्जर भवन
- सेब का बाजार
- कचहरी घाट
- धूलियागंज
- घटिया चौराहा
- पथवारी रोड
- कचहरी घाट रोड
- छत्ता बाजार
- बेलनगंज रोड
शोभायात्रा के दौरान खतरा अधिक
शहर में दो प्रमुख आयोजनों पर भव्य रूप से शोभायात्रा निकाली जाती है। इन शोभयात्रा का रूट पुराने शहर के बीच से होकर गुजरता है। शोभयात्रा के दौरान किसी भी तरह की अप्रिय घटना से बचने के लिए एहतियात बरती जाती है। जर्जर भवनों की छतों पर लोग न चढ़ें इसके लिए यहां लाल निशान या फिर लाल झंडी लगा दी जाती है। जो चेतावनी होती है कि ये मकान जर्जर है। इस मकान की छत पर खड़ा होना खतरनाक हो सकता है।
बीएल गुप्ता, चीफ इंजीनियर