महानवमी के पावन पर्व पर मुख्यमंत्री और गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ ने गोरखनाथ मंदिर में विधि-विधान के साथ कन्या पूजन कर नारी पूजन की परम्परा का निर्वहन किया।


गोरखपुर (ब्यूरो)। नारी पूजन के साथ ही यह संदेश भी दिया कि नारियों के सम्मान और सुरक्षा का यह क्रम उनकी सरकार में जारी रहेगा। कन्या पूजन के बाद वहां मौजूद पत्रकार वार्ता में मुख्यमंत्री ने नारियों के हित में केंद्र और प्रदेश सरकार द्वारा उठाए गए तमाम कदमों का जिक्र भी इसी उद्देश्य से किया।गोरक्षपीठ में कन्या पूजन परम्पराबता दें कि नारियों के सम्मान में गोरक्षपीठ में कन्या पूजन परम्परा रही है। गोरक्षपीठाधीश्वर के रूप में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस परम्परा को पूरे मनोयोग से निभाया। इस दौरान कन्याओं और योगी के चेहरे के भाव देखने वाला था। आसन पर बैठे योगी के सामने एक बड़ा परात (पीतल की बड़ी थाली) रखा था। जिसमें देवी स्वरूपा 9 कन्याएं और बटुक भैरव बारी-बारी से खड़े हुए।मंत्रोच्चार के साथ उतारी आरती
योगी ने पूरे श्रद्धापूर्वक सभी बच्चियों के पांव पखारे, उनके माथे पर तिलक लगाया, बनारसी चुनरी ओढ़ाई और मंत्रोच्चार के साथ उनकी आरती की। इसके साथ ही उन्होंने कन्याओं को दक्षिणा और वस्त्र भी भेंट किया। कन्या भोज में उपस्थित मीनाक्षी राय, रागिनी राय और विजय लक्ष्मी अग्रवाल ने कहा, 'हम यहां दूसरी बार कन्या भोज के लिए आये हैं। महाराज जी हमसे बहुत स्नेह करते हैं वो हमें दक्षिणा और कपड़े इत्यादि भी देते हैं।' बच्चों ने कहा, 'उन्हें महाराज जी से मिलकर बहुत अच्छा लगता है।'हर साल रखते हैं नवरात्रि का व्रतगौरतलब है कि योगी हर साल नवरात्रि में 9 दिनों का व्रत रखते हैं। वो पिछले 3 दिनों से गोरखपुर में हैं और तब से परम्परानुसार मठ के पहली मंजिल पर पूजन-हवन और देवी की उपासना कर रहे हैं। योगी मंगलवार को चार दिन बाद दशहरे के दिन मठ से नीचे उतरेंगे। इस क्रम में 9 बजे सुबह अन्य संतों एवं पुजारियों के साथ नाथ जी के विशिष्ट पूजन से अपने दिन की शुरुआत करेंगे।सहभोज के साथ समापन होगा कार्यक्रमशाम 4 बजे वह अपने परम्परागत वेश-भूषा शोभायात्रा की शक्ल में मानसरोवर मंदिर के लिए प्रस्थान करेंगे। वहां पूजन अर्चन के बाद बगल के रामलीला मैदान में जाकर भगवान श्रीराम का तिलक कर मंदिर लौट आएंगे। कार्यक्रम का समापन देर रात तक चलने वाले सहभोज से होगा।gorakhpur@inext.co.in

Posted By: Syed Saim Rauf