अमेरिका ने इस्‍लामिक स्टेट को नेस्‍तनाबूद करने के लिए अपनी चालें चलना शुरू कर दिया है. इसके लिए अमेरिका एक लॉंगटर्म स्‍ट्रेटजी बना रहा है जिसमें नाटो देशों के साथ-साथ मिडिल ईस्‍टर्न देश भी शामिल हैं. गौरतलब है कि टर्की ने अमेरिका को इस मुहिम में सपोर्ट करने का फैसला किया है.


अमेरिका ने शुरू की युद्ध की तैयारीअमेरिका ने इस्लामिक स्टेट के बढ़ते खतरे को देखते हुए इराक में एक बार फिर से युद्ध छेड़ने की तैयारी कर ली है. लेकिन इस युद्ध को अमेरिका ने अपने पुराने साथी ब्रिटेन के अलावा मिडिल ईस्टर्न देशों के साथ मिलकर लड़ने का प्लान बनाया है. गौरतलब है कि टर्की ने अमेरिका को सपोर्ट करना तय किया है. बुलाई गई नाटो की मीटिंग
इस लॉंगटर्म युद्ध के लिए अमेरिका ने नाटो देशों के नेताओं के साथ एक मीटिंग की है. अमेरिका और नाटो नेताओं ने इस मीटिंग में यह फैसला किया है कि इस संगठन के खात्मे के लिए पहले इस आतंकी सगठन को मिलने वाले चंदे को रोका जाए. इससे उनका संगठन आर्थिक रूप से कमजोर पड़ेगा. इसके बाद सैन्य बल के साथ हमला करने की रणनीति पर विचार हुआ. इस मीटिंग के खत्म होने पर अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा कि उनके लिए सबसे अच्छी बात यह रही कि उन्हें इस विषय पर नाटो देशों की सहमति जुटाने के लिए मेहनत नही करनी पड़ी. नाटो देशों ने यह माना है कि उन्हें अमेरिका के साथ मिलकर इस समस्या का सामाना करने के लिए एक जरूरी रोल प्ले करना है. इसके साथ ही ओबामा ने कहा कि यह संगठन यूरोपीय देशों के लिए एक लॉंगटर्म थ्रेट डेवलप कर सकता है. इसलिए इसे पूरी ताकत के साथ खदेड़ने की जरूरत है. सीरिया पड़ रहा है कमजोरइस्लामिक संगठन के साथ लड़ाई में सीरिया लगातार कमजोर पड़ता जा रहा है. दरअसल इस्लामिक स्टेट के पास एक बहुत बड़ी मात्रा में हथियार, गोला बारूद और लड़ाके हैं जिससे सीरिया और इसके समर्थक लड़ाके कमजोर पड़ते जा रहे हैं.

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Posted By: Prabha Punj Mishra