मॉस्‍को द्वारा यूक्रेन की राजनीति में सुधार के लिये किये गये प्रयास विफल होने के कारण अब रूस पर बैन लग गया है. ये बैन USA और यूरोपीय संघ ने लगाया है.


कड़े प्रतिबंध लगाये


मॉस्को द्वारा सभी प्रयास विफल रहने पर अमेरिका ने रूस की आर्थिक सेवाओं और ऊर्जा क्षेत्रों पर अतिरिक्त व कड़े प्रतिबंध लगा दिये हैं. यूरोपीय संघ ने भी रूस पर कड़े प्रतिबंध लगाते हुये यूरोपीय निवेश बैंक से कहा है कि वह मॉस्को के साथ नये आर्थिक समझौतों पर हस्ताक्षर न करे. इन प्रतिबंधों पर प्रतिक्रिया देते हुये रूस ने अमेरिकी प्रतिबंधों को घृणित और अस्वीकार्य बताते हुये जवाबी कार्रवाई की धमकी दी है. आतंकवाद और वित्तीय इंटेलिजेंस मामलों से संबंधित अमेरिकी उप वित्त मंत्री डेविड एस कोहेन ने कहा,'रूस अपने बयानों से अलग लगातार यूक्रेन को अस्थिर करने में और अलगाववादियों को सहयोग देता रहा है.' उन्होंने कहा,'चूंकि रूस इंटरनेशनल व्यवहार के आम मानकों पर खरा उतरने में विफल रहा है, इसलिये हम आज रूस की आर्थिक सेवाओं और ऊर्जा क्षेत्रों को प्रतिबंधित कर रहे हैं. इसके साथ ही हम रूस के दो प्रमुख बैंकों और दो प्रमुख ऊर्जा कंपनियों की पहुंच अमेरिकी आर्थिक स्त्रोतों तक सीमित कर रहे हैं. वाशिंगटन को मिलेगा जवाब

ब्रसेल्स में बैठक के दौरान यूरोपीय संघ के नेता एकसाथ मिलकर इस बात पर भी सहमत हुये कि रूस में नये यूरोपीय पुनर्निर्माण और विकास कार्य बैंक की वित्तीय मदद को निलंबित कर दिया जाये. रूस के उपविदेश मंत्री सरजेई रयाबकोव ने इंटरफैक्स न्यूज एजेंसी से कहा कि झूठे और अवास्तविक बहानों के जरिये रूस के कई वैध प्रतिष्ठानों और व्यक्तियों पर प्रतिबंध लगाने के अमेरिकी प्रशासन के नये फैसले को घृणित और पूरी तरह अस्वीकार्य के अलावा कुछ ओर नहीं कहा जा सकता. उन्होंने कहा कि रूस जवाबी कार्रवाई करेगा. हम उन नेताओं और अधिकारियों की निंदा करते हैं, जिनका ऐसे कार्यों में हाथ है. इसके साथ ही ऐसे उपाय अपनाने के अपने इरादे की पुष्टि करते हैं, जिससे वाशिंगटन के लिये परेशानी होगी. उन्होंने कहा,'हम किसी भी तात्कालिक प्रभाव के पीछे नहीं भाग रहे हैं हम अमेरिकी प्रशासन द्वारा अपनाये गये तरीकों की नकज नहीं करेंगे. हम उकसावे वाला कोई कदम नहीं उठायेंगे और शांतिपूर्ण तरीके से काम करेंगे.'

Posted By: Abhishek Kumar Tiwari