अफगानिस्तान में मारे गए अमरीकी सैनिकों की संख्या 2000 तक पहुंच गई है. 2001 से वहां तैनात अमरीकी और नाटो सेनाएं तालिबान चरमपंथियों से लोहा ले रही हैं.

शनिवार को पूर्वी अफगानिस्तान में एक अफगान सैनिक के हमले में एक अमेरिकी सैनिक और एक विदेशी ठेकेदार की मौत हो गई.

इस साल विदेशी सैनिकों पर अफगान सुरक्षा बलों के सदस्यों के हमलों में खासी वृद्धि हुई है, जिन्हें ‘अंदरूनी हमलों’ का नाम दिया जाता है.

मारे गए ठेकेदार की राष्ट्रीयता के बारे में अभी जानकारी नहीं मिली है.

'कहा-सुनी पर हमला'नाटो के नेतृत्व वाले अंतरराष्ट्रीय सहायता सुरक्षा बल के प्रवक्ता ने बताया कि शनिवार को वारदाक प्रांत में एक सुरक्षा चौकी पर एक अफगान सुरक्षाकर्मी ने एक अमरीकी सैनिक और विदेशी ठेकेदार की जान ले ली.

ये घटना सैयदाबाद जिले में अफगान राष्ट्रीय सेना के ठिकाने के निकट एक सुरक्षा चौकी पर हुई. वारदाक के पुलिस प्रमुख ने बीबीसी को बताया कि इस हमले में कई अफगान सैनिक भी मारे गए हैं.

प्रांतीय सरकार के प्रवक्ता शाहिदुल्लाह ने समाचार एजेंसी एपी को बताया कि अफगान सैनिक ने अपनी बंदूक का मुंह अमरीकियों की तरफ किया और गोलियां बरसानी शुरू कर दीं.

उन्होंने कहा, “शरुआती रिपोर्टों से पता चलता है कि अफगान सैनिकों और अमेरिकी सैनिकों के बीच गलतफहमी हो गई थी.”

ब्रितानी अखबार डेली टेलीग्राफ ने स्थानीय लोगों के हवाले से ट्विटर पर कहा है कि उनके बीच एक घर की तलाशी को लेकर कहा-सुनी हुई थी.

बढ़ते अंदरूनी हमलेदोनों तरफ के सैन्य अधिकारियों ने इस घटना की जांच के आदेश दिए हैं.

इस साल अफगान सुरक्षा बल के सदस्यों के हमलों में कम से कम 52 विदेशी सैनिक मारे गए हैं जिनमें आधे अमरीकी हैं. पिछले साल इस तरह के हमलों में 35 विदेशी सैनिकों की जानें गई थीं.

अमरीका ने 2001 में अफगानिस्तान पर हमला किया जिसके बाद से उसकी सेनाएं वहां तैनात हैं. नाटो की सेनाएं भी अफगान अभियान में अमरीका का साथ दे रही हैं.

अफगानिस्तान में मौजूद सभी विदेशी सेनाओं ने 2014 के अंत तक अफगानिस्तान छोड़ने की घोषणी कर रखी है.

Posted By: Garima Shukla