श्रीलंका सीरियल ब्लास्ट में पांच भारतीयों की भी मौत, फिर हो सकता है आतंकी हमला, अमेरिका का अनुमान
वाशिंगटन (रॉयटर्स)। अमेरिकी विदेश विभाग ने अपने ट्रैवेल एडवाइजरी में संशोधन करते हुए कहा है कि आतंकवादी समूह श्रीलंका में फिर से बम विस्फोट करने की तैयारी में जुट गए हैं। बता दें कि रविवार को श्रीलंका में चर्चों और होटलों में बड़ा विस्फोट किया गया, जिसमें 290 लोगों की मौत हो गई है और लगभग 500 लोग घायल हो गए हैं। अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने चेतावनी के साथ कहा, 'आतंकवादी जल्द ही बिना किसी चेतावनी के हमला कर सकते हैं और यह हमला भी रविवार की तरह बड़ा होगा।' उन्होंने अपने बयान में कहा कि आतंकी इस बार पर्यटन स्थल, परिवहन केंद्र, शॉपिंग मॉल, होटल, पूजा स्थल, हवाई अड्डे और अन्य सार्वजनिक क्षेत्रों को निशाना बना सकते हैं।
बता दें कि श्रीलंका सीरियल ब्लास्ट मारे गए उन 290 लोगों में पांच भारतीय भी शामिल हैं, पुलिस प्रवक्ता रूवान गुनेशेरा ने सोमवार को इस बात पुष्टि की। उन्होंने बताया कि इस खतरनाक हमलों में शामिल होने के लिए 24 संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया है। इसके बाद सोमवार सुबह, कोलंबो में भारतीय उच्चायोग ने दो और भारतीय पीड़ितों के नामों की भी पुष्टि की। भारतीय उच्चायोग ने सोमवार को एक ट्वीट में कहा, 'रविवार को धमाकों में केजी हनुमंथारायप्पा, एम. रंगप्पा नाम के व्यक्ति की मौत हो गई है।' इसके बाद सोमवार की सुबह भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने अपने ट्वीट में बताया कि रविवार को श्रीलंका के विस्फोट में मारे गए लोगों में लक्ष्मी, नारायण चंद्रशेखर और रमेश नाम के तीन अन्य भारतीय नागरिक भी शामिल हैं। इसी तरह इस हमले अब तक कुल पांच भारतीय नागरिकों की मौत की पुष्टि हुई है। श्रीलंका सीरियल ब्लास्ट : कोलंबो में एक और बम धमाका, अब तक कुल 160 की मौत, 450 लोग घायलअभी तक किसी ने नहीं ली जिम्मेदारी
पुलिस ने इस हमले के एक वैन और उसके चालक को अपने हिरासत में लिया है, जिस पर संदिग्धों को कोलंबो ले जाने का संदेह है। इसके अलावा एक घर पर छापा मारा गया है, जिसका इस्तेमाल हमलावरों ने खुद को सुरक्षित रखने के लिए किया था। फिलहाल, किसी भी आतंकी समूह ने इस हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है। इस हमले के बाद रविवार को श्रीलंका में अधिकारियों ने कर्फ्यू लगा दिया, जिसे अब हटा लिया गया है। एक सरकारी सूत्र ने बताया कि राष्ट्रपति मैत्रीपाल सिरिसेना ने सोमवार सुबह राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की बैठक बुलाई थी। इसमें प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे भी शामिल हुए। सरकार ने फेसबुक और व्हाट्सएप सहित सभी सोशल मीडिया मैसेजिंग साइटों को ब्लॉक कर दिया है, जिससे आतंकियों तक कोई सूचना नहीं पायेगी।