अमेरिका और ब्रिटेन के साझा खुफिया निगरानी कार्यक्रम प्रिज्म का खुलासा करने वाले गार्जियन अखबार के पत्रकार ग्लेन ग्रीनवाल्ड ने फिर दोनों देशों की नाक में दम कर दिया है. उन्होंने दावा किया है कि अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी एनएसए ब्राजील की राष्ट्रपति डिल्मा रोसेफ और मेक्सिको के राष्ट्रपति एनरिक पीना नीटो के फोन कॉल मैसेज और ईमेल चोरी कर रही थीं. इस खुलासे के बाद दोनों देशों ने अमेरिकी राजदूतों को तलब कर उनसे सफाई मांगी है.


प्रिज्म के बारे में मांगी सफाईअपने राष्ट्रपतियों की जासूसी से दोनों देश खफा हो गए हैं. ब्राजील और मेक्सिको ने एनएसए के खुफिया कार्यक्रम प्रिज्म के बारे में सफाई मांगी है और ग्रीनवाल्ड के गंभीर आरोपों की जांच करने कर मांग की है. उन्होंने कहा, यह हमारी संप्रभुता का उल्लंघन है. ब्राजील के विदेश मंत्री लुईस अल्बर्टो फिगुरेडो ने अमेरिका के राजदूत थॉमस शेनन को बुलाकर विरोध दर्ज कराया गया है. लुईस ने कहा, हमने एनएसए कार्यक्रम की जांच शुरू कर दी है. सीआइए के पूर्व कर्मचारी एडवर्ड स्नोडेन से मिले दस्तावेजों के आधार पर ग्रीनवाल्ड ने ब्राजील के टीवी चैनल ग्लोब को बताया कि रोसेफ और नीटो के ईमेल, फोन और मैसेज पर एनएसए नजर रख रही थी.नागरिकों पर नजर रखने का अधिकार किसी को नहीं
मेक्सिको में पिछले साल चुनाव से पहले नीटो द्वारा भेजे जा रहे ईमेल भी एनएसए के पास पहुंच रहे थे. ग्रीनवाल्ड के इस खुलासे के बाद ब्राजील के सीनेट सदस्य एडुआर्डो सप्लिसी ने कहा कि ब्राजील के नागरिकों पर नजर रखने का अधिकार अमेरिका समेत किसी को भी नहीं है. जुलाई में ब्राजील के एक अखबार ओ ग्लोबो ने खबर दी थी कि अमेरिका ने पूरे क्षेत्र में इंटरनेट और फोन कॉल को रोक दिया है. पिछले महीने ब्राजील पहुंचे अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन केरी ने सरकार से अपील की थी कि स्नोडेन के खुलासों को छोडक़र हमें व्यापार, राजनयिक और सांस्कृतिक संबंध बढ़ाने पर जोर देना चाहिए. एनएसए का कार्यक्रम अमेरिका और ब्राजील के नागरिकों की सुरक्षा के लिए था.

Posted By: Satyendra Kumar Singh