अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा और उनकी वाइफ मिशेल ओबामा ने अपने व्हाईट हाउस से पहले के दिनों को याद करते हुए लोगों के साथ अपने निजी जिंदगी के कुछ पल शेयर किए...


बनाए रखना चाहती थी पार्ट टाइम जॉब


अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा और अमेरिका की प्रथम महिला मिशेल ओबामा ने व्हाइट हाउस से पहले के दिनों पर नजर डालते हुए उस समय के जीवन के बारे में बात की, जब ये दोनों ही जॉब किया करते थे और मुश्किल से ही एक साथ टाइम बिता पाते थे. कामगार परिवारों के व्हाइट हाउस सम्मेलन को संबोधित करते हुए मिशेल ने कहा कि उस समय बराक स्प्रिंगफील्ड में थे जिसके बाद वो वॉशिंगटन गए. मैं शिकागो में थी और अपनी दोनों खूबसूरत बेटियों की देखभाल कर रही थी. मैं अपनी पार्ट टाइम जॉब भी बनाए रखने की कोशिश कर रही थी. मिशेल के बोलने से पहले ओबामा ने बताया कि अमेरिका का राष्ट्रपति बनने से पहले उनका जीवन कैसा था. ओबामा ने कहा कि लेकिन व्हाइट हाउस में आने से पहले मैं अक्सर काम की वजह से या प्रचार के लिए घर से दूर ही रहता था. मिशेल फुल टाइम काम कर रही थी और घर की सारी जिम्मेदारी उसी पर थी.सर्वश्रेष्ठ एक्सपीरियंस

अपना एक्सपीरियंस को शेयर करते हुए मिशेल ने कहा कि साशा के जन्म के बाद उनकी बेबी सिटर चली गई थी. मिशेल ने कहा कि इसके कुछ ही टाइम बाद उन्हें शिकागो विश्वविद्यालय हॉस्पिटल से नौकरी के साक्षात्कार के लिए फोन आ गया. उस समय मैं चार महीने की एक बच्ची की मां थी और मेरे पास कोई बेबी सिटर भी नहीं थी. इसलिए मैं साशा को साक्षात्कार के लिए अपने साथ ही ले गई. इसके बाद मैं शिकागो विश्वविद्यालय हॉस्पिटल में उपाध्यक्ष बन गई और ये मुझे मिले सर्वश्रेष्ठ एक्सपीरियंस में से एक था, क्योंकि उन्होंने मेरे परिवार को पहले रखा था.काम में लचीलापन

अमेरिकी राष्ट्रपति ओबामा ने पहले लोगों(लिसनर्स) को बताया था कि सौभाग्य से, मिशेल के साथी एम्पलॉयर ऐसे थे, जो दिन के बीच में उसके काम छोड़कर चले जाने या अचानक अपनी टाइमिंग बदलने की जरूरत को समझा करते थे. काम में लचीलापन हमारे परिवारों के लिए एक बड़ा काम करता है. लेकिन बहुत से वर्किंग माता-पिता ऐसा नहीं कर सकते. उन्हें ये लाभ नहीं मिलता. ओबामा ने कहा कि वर्किंग मदर को उन जगहों पर तैनात नहीं किया जा रहा, जहां वो रोजगार के नियमों को तय कर सकती हैं. उन्होंने कहा कि कई बार घर से काम किया जा सकता है, लेकिन अक्सर ये विकल्प नहीं होता. हालांकि अध्ययन यह दिखाते हैं कि काम में लचीलापन दिए जाने पर कर्मचारी खुशी महसूस करते हैं और कंपनियों को उनकी उत्पादकता बढ़ाने में मदद करते हैं.

Posted By: Subhesh Sharma