दक्षिण चीन सागर में दो विमान वाहक पोत की तैनाती को लेकर चीन ने कहा कि वह चीन के साथ विवाद में भारत के साथ मजबूती से खड़ा है। दूसरी ओर अमेरिका ने टिकटाॅक सहित अन्य चीनी एप भी बैन करने के संकेत दिए हैं।


वाशिंगटन (पीटीआई/एएनआई)। व्हाइट हाउस के एक अधिकारी ने कहा कि भारत और चीन के विवाद में अमेरिकी सेना भारत के साथ मजबूती के साथ जहां भी जरूरत होगी, वहां खड़ी है और रहेगी। यह बयान तब सामने आया है जब अमेरिकी नौसेना ने अपने दो विमान वाहक पोत दक्षिण चीन सागर के इलाके में तैनात कर दिए हैं। सोमवार को फाॅक्स न्यूज से व्हाइट हाउस के चीफ ऑफ स्टाफ मार्क मिडाॅज ने कहा कि संदेश साफ है। अमेरिका चुपचाप खड़े रह कर चीन या किसी अन्य की दादागिरी को दक्षिण एशिया में बर्दाश्त नहीं करेगा।विमान वाहक पोत की तैनाती का मकसद
यह सेदश साफ है कि अमेरिकी सेना मजबूती के साथ भारत-चीन विवाद में भारत के साथ बनी रहेगी। उन्होंने कहा कि भारत ने चीनी एप इसलिए बैन कर दिए क्योंकि चीन के साथ खूनी झड़प में भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे। वे उस सवाल का जवाब दे रहे थे जिसमें उनसे पूछा गया था कि अमेरिका ने किस मिशन के तहत विमान वाहक पोत रोनाल्ड रीगन और निमित्ज की तैनाती की है।टिकटाॅक डाउनलोड करने का मतलब निजी जानकारी चीन को देना


अमेरिकी सेक्रेटरी ऑफ स्टेट माइक पाॅम्पियो ने सोमवार को कहा कि टिकटाॅक सहित अन्य चीनी एप को अमेरिका बैन करने पर विचार कर रहा है। पाॅम्पियो ने कहा कि लोगों के सेल फोन पर चीनी एप्लीकेशन काे लेकर वे अश्वस्त करना चाहते हैं कि अमेरिका जो लोगों के हित में सही होगा वही कदम उठाएगा। अभी हम उन्हें बाहर का रास्ता नहीं दिखाना चाहते लेकिन हम इस पर विचार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि लोग ये एप्लीकेशन तभी डाउनलोड करें जब वे अपनी निजी जानकारी चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के हाथों देना चाहते हों।टिकटाॅक नहीं देता चीनी सरकार को डाटा : टिकटाॅक प्रवक्ता ने कहापाॅम्पियो के बयान की प्रतिक्रिया में टिकटाॅक के प्रवक्ता ने कहा कि टिकटाॅक एक अमेरिकी सीईओ के नेतृत्व में चल रहा है। इसमें सैकड़ों अमेरिकी काम कर रहे हैं। वे अमेरिका में सेफ्टी, सिक्योरिटी, प्रोडक्ट और पब्लिक पाॅलिसी को लेकर अमेरिकी कानूनों का पूरी तरह से पालन करते हैं। अपने अपने यूजर्स की सेफ्टी और सिक्योर ऐेप को उच्च प्राथमिकता देते हैं। हम यूजर्स डाटा कभी भी चीनी सरकार से साझा नहीं करते। यदि हमसे ऐसा कहा जाएगा तब भी हम यूजर्स का डाटा चीनी सरकार के साथ शेयर नहीं करेंगे।

Posted By: Satyendra Kumar Singh