ड्रोन हमले: मानवाधिकार संगठनों के निशाने पर अमरीका
एमनेस्टी का कहना है कि उसने उत्तरी वजीरिस्तान में हाल ही किए गए नौ ड्रोन हमलों की समीक्षा की और पाया कि बड़ी संख्या में मारे गए लोग निहत्थे थे.यमन में छह अमरीकी हमलों की समीक्षा से जुड़ी एक दूसरी रिपोर्ट में ह्यूमन राइट्स वॉच ने कहा कि उनमें से कम से कम दो हमले अंतरराष्ट्रीय कानून का सरासर उल्लघंन है.अल-क़ायदा और तालिबान के ख़िलाफ़ अमरीकी कार्रवाइयों में ड्रोन हमले आम बात हो गई है. जबकि इस अमरीकी ड्रोन अभियान के बारे में मामूली जानकारी ही उपलब्ध हैं.पाकिस्तान में ड्रोन हमलों में अल-क़ायदा और तालिबान के कई वरिष्ठ नेता तो मारे ही गए हैं लेकिन इसके साथ ही कई नागरिकों की भी मौत हो गई. इन हमलों का पाकिस्तान में काफी विरोध किया गया. कई लोगों का कहना है कि ड्रोन हमले पाकिस्तान में हुई अंधाधुंध मौतों के लिए जिम्मेदार है.
पिछले सप्ताह संयुक्त राष्ट्र की एक जांच में पाया गया की पाकिस्तान में अमरीकी ड्रोन हमलों में कम से कम 400 लोग मारे गए, यह संख्या अमरीका की ओर से बताए गए आंकड़ों से कहीं अधिक है. संयुक्त राष्ट्र के विशेष दूत बेन एम्मरसन ने अमरीका पर युद्ध क्षेत्र के बाहर प्राणघातक हथियारों के इस्तेमाल की वकालत कर अंतरराष्ट्रीय कानूनों को चुनौती देने का आरोप लगाया.
निर्दोष लोगों पर हमला
राष्ट्रपति बराक ओबामा जोर देते हुए कहते हैं कि अमरीकी रणनीति अपनी पकड़ मजबूत रखने की है और बिना ड्रोन विमानों के अमरीका को और अधिक घुसपैठ की सैनिक कार्रवाई करनी पड़ेगी.