अमेरिका ने सऊदी अरब की तेल यूनिटों पर 14 सितंबर को हुए हमलों के मद्देनजर ईरान के खिलाफ एक गुप्त साइबर ऑपरेशन किया। एक रिपोर्ट में इस बात का दावा किया गया है।


वाशिंगटन (रॉयटर्स)। अमेरिका ने 14 सितंबर को सऊदी अरब की तेल यूनिटों पर हुए हमलों के बाद ईरान के खिलाफ एक गुप्त साइबर ऑपरेशन किया था। अमेरिका के दो अधिकारियों ने इस बात की जानकारी दी है। बता दें कि सऊदी अरब और अमेरिका इस हमले के लिए ईरान को जिम्मेदार मान रहे थे, इसी वजह से वाशिंगटन ने ईरान पर एक गुप्त साइबर हमला करवाया। नाम न बताने की शर्त पर बात करने वाले अधिकारियों ने कहा कि यह ऑपरेशन सितंबर के अंत में हुआ और इसके जरिये तेहरान के प्रचार प्रसार की क्षमता को निशाना बनाया गया। अधिकारियों में से एक ने कहा कि इस हमले से कंप्यूटर हार्डवेयर को नुकसान तो पहुंचा लेकिन कोई खास जानकारी नहीं मिल पाई।14 सितंबर को हुआ था हमला
यह इस बात पर प्रकाश डाल रहा है कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का प्रशासन किस तरह से बॉर्डर पर बिना किसी संघर्ष के ईरानी आक्रामकता से निपटने की कोशिश कर रहा है। गौरतलब है कि सऊदी अरब में स्थित दुनिया की सबसे बड़ी ऑयल प्रोसेसिंग यूनिट 'सऊदी अरामको' पर 14 सितंबर को ड्रोन हमला हुआ था। तब इसकी जिम्मेदारी यमन के विद्रोहियों ने ली थी लेकिन अमेरिका, सऊदी अरब, ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी ने ईरान को इस हमले के लिए जिम्मेदार ठहराया था। हालांकि, ईरान ने इस आरोप को खारिज कर दिया था। ट्रंप ने एक तरफ ईरानी सेना के कंप्यूटर पर कराया साइबर हमला, दूसरी ओर बिना शर्त ईरान से बातचीत के लिए तैयारसऊदी अरब में पेंटागन ने अपने सैनिकों को भेजा


इस हमले के बाद पेंटागन ने सुरक्षा को मजबूत करने के लिए भारी संख्या में अपने सैनिकों और हथियारों को सऊदी अरब भेज दिया है। हालांकि, पेंटागन ने साइबर हमले के बारे में कुछ भी कहने से साफ इनकार कर दिया है। पेंटागन की प्रवक्ता एलिसा स्मिथ ने कहा, 'नीति और ऑपरेशनल सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए हम साइबर हमलों पर कोई भी चर्चा नहीं कर सकते हैं।' अधिकारियों ने बताया कि इस हमले का ईरान पर क्या प्रभाव पड़ा है, इसका पता लगाने में महीनों लग सकते हैं। बता दें कि इससे पहले अमेरिका ने जून में ईरानी सेना के कंप्यूटर पर साइबर हमला कराया था। इस हमले में रॉकेट और मिसाइल लॉन्चर को नियंत्रित करने वाले कंप्यूटरों को नुकसान पहुंचा था। दरअसल, ईरान ने उसकी सीमा में घुसे एक अमेरिकी ड्रोन आरक्यू-4 ग्लोबल हॉक को मार गिराया था। इसी पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरानी सेना के कंप्यूटर पर हमला करने का आदेश दिया।

Posted By: Mukul Kumar