कहां होती है उर्दू वाली रामलीला!
रामायण की असली कहानी तो संस्कृत में लिखी गई थी लेकिन समय के साथ उसकी ज़ुबान बदलती रही है।लेकिन फ़रीदाबाद की विजय रामलीला कमेटी के आयोजकों ने उस स्क्रिप्ट को नहीं छोड़ा है जो उनके बुजुर्ग बंटवारे के समय पाकिस्तानी पंजाब से साथ लेकर आए थे।
वे कहते हैं, "उर्दू बहुत प्यारी भाषा है, लगती बहुत मुश्किल है लेकिन है बहुत आसान।"विश्व बंधु शर्मा और उनके साथी अपनी परंपरा को क़ायम रखने के लिए नई पीढ़ी को उर्दू और संस्कृत की शिक्षा देने के बारे में सोच रहे हैं।
वो कहते हैं, "हम चाहते हैं कि यहां ऐसे विद्वान लाएं जो स्थानीय लोगों को उर्दू और संस्कृत की शिक्षा दें, यह दोनों भाषाएँ भारत को जोड़कर रखती हैं।"