UPSIDC के अरबपति चीफ इंजीनियर अरुण मिश्रा को योगी सरकार ने देर रात किया सस्पेंड
मनमानी कर भू-उपयोग बदलाLUCKNOW (lucknow@inext.co.in)। दरअसल औद्योगिक क्षेत्रों में भू उपयोग परिवर्तन करने का अधिकार उप्र राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीसीडा) बोर्ड को है लेकिन अरुण मिश्रा ने मनमानी की और भू उपयोग बदले। गौतमबुद्ध नगर के सूरजपुर औद्योगिक क्षेत्र स्थित भूखंड संख्या सी-8 को मेसर्स विक्टोरा टूल्स इंजीनियर्स को मेटल कंपानेंट्स उत्पादन के लिए औद्योगिक श्रेणी की भूमि दी गई थी लेकिन अरुण ने इसका भू उपयोग बदलकर होटल के लिए अनुमन्य कर दिया। वहीं एमडी ने इसका आदेश और मानचित्र रद कर दिया था। आवंटी ने हाईकोर्ट की शरण ली तो प्रबंधन ने वहां पक्ष रखा। मल्टीप्लेक्स स्थापना के लिए
कोर्ट ने मामले में दोषी के विरुद्ध कार्रवाई की जानकारी मांगी थी। इसी तरह गाजियाबाद जिले के साहिबाबाद औद्योगिक क्षेत्र के साइट चार में स्थित कुछ भूखंडों का भू उपयोग औद्योगिक था, लेकिन सात मई 2007 को अरुण मिश्रा ने भू उपयोग तीन सितारा होटल की स्थापना के लिए बदल दिया। इसी कड़ी में गाजियाबाद के ही लोनी रोड औद्योगिक क्षेत्र में भूखंड संख्या 15 मेसर्स मीनल स्टील्स प्राइवेट लिमिटेड को आवंटित किया गया था। कंपनी की मांग पर अरुण मिश्रा ने 12 मार्च 2007 को इस भूखंड का भू उपयोग मल्टीप्लेक्स स्थापना के लिए कर दिया। बिना काम करोड़ों का भुगतान
गाजियाबाद स्थिति ट्रोनिका सिटी में चार एमएलडी क्षमता के सीईटपी एवं कन्वेंस सिस्टम के रखरखाव के लिए 2014 से 2017 के बीच अरुण ने 5,54,58,865 रुपये का भुगतान किया गया था जबकि मौके पर कोई काम नहीं हुआ। इसी औद्योगिक क्षेत्र में ही अरुण ने सड़कों के निर्माण पर सात करोड़ का भुगतान किया। इन सड़कों की जांच सीआरआरआई ने की तो गुणवत्ता खराब मिली। ठेकेदार से अनुबंध कर लियालखनऊ के अमौसी औद्योगिक क्षेत्र में 25 सौ वर्ग मीटर में कैंप कार्यालय की स्थापना होनी थी लेकिन सपा शासन में अरुण ने मनमानी की और 18 हजार वर्ग मीटर में पांच मंजिला भवन एवं एक्जीविशन सेंटर बनाने का प्रोजेक्ट तैयार करा लिया। 111.73 करोड़ से निर्माण के लिए ठेकेदार से अनुबंध कर लिया। खास बात यह थी कि भूमि का भू उपयोग परिवर्तन भी नहीं कराया।
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