झारखंड में एक रिटायर्ड क्रेन ऑपरेटर की बेटी ने उसके पहले प्रयास में सिविल सेवा परीक्षा में सफलता दिलाई है। उसे यह सफलता उसकी एक साल की महेनत एक स्मार्टफोन और एक दिन में 18 घंटे की पढ़ाई ने दिलाई है।


रामगढ़ (पीटीआई)। यूपीएससी परीक्षा 2021 के परिणाम आ गए हैं। जिसमें दिव्‍या पांडे ने परीक्षा में 323वीं रैंक हासिल की है। जिसके परिणाम सोमवार को यूनियन पब्लिक सर्विसेस कमीशन (यूपीएससी) द्वारा घोषित किए गए है। दिव्या पांडे रामगढ़ जिले में रहती हैं और वह 24 वर्षीय की है। उन्होंने कहा, इंटरनेट कनेक्शन और स्मार्टफोन ने मुझे सिविल सेवा परीक्षा को पास करने में मदद की। इंटरनेट ज्ञान का सागर है। 2017 में रांची यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन करने वाली दिव्या ने आगे कहा कि मैंने रोजाना करीब 18 घंटे पढ़ाई की और नेशनल काउंसिल ऑफ एजुकेशन रिसर्च (एनसीईआरटी) की ढेर सारी किताबें पढ़ीं है। किसी प्रोफेशनल कोचिंग का नही लिया था सहारा
दिव्या ने आगे यह भी कहा कि उन्होंने परीक्षा की तैयारी के दौरान किसी प्रोफेशनल कोचिंग का सहारा नही लिया था। उनके पिता जगदीश प्रसाद पांडे जो 2016 में सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड (CCL) के क्रेन ऑपरेटर से रिटायर्ड हो गए थे , उनकी खुशी का कोई ठिकाना नहीं है। दिव्‍या के पिता ने कहा कि मैं आपको बता नहीं सकता कि मुझे कितना गर्व है। मेरी बेटी इस सफलता की हकदार है और उसकी मेहनत रंग लाई है। दिव्या ने बताया की उनकी बड़ी बहन प्रियदर्शनी पांडे ने भी झारखंड पब्लिक सर्विसेस कमीशन की प्रिलिमिनरी परीक्षा पास की है। दिव्‍या ने कहा कि मैं गरीबों और दलितों के लिए काम करने में इच्छुक हूं। यूपीएससी ने सोमवार को परिणाम घोषित करने के बाद कहा कि छह साल बाद सिविल सेवा परीक्षा 2021 में महिलाओं ने शीर्ष तीन रैंक हासिल की है।

Posted By: Kanpur Desk