Mukhtar Ansari की उम्रकैद की सजा पर बोले यूपी के स्पेशल डीजी, इफेक्टिव लाॅबिंग का है रिजल्ट
लखनऊ (एएनआई)। Mukhtar Ansari : उत्तर प्रदेश के वाराणसी में एक विशेष एमपी-एमएलए अदालत ने 1991 के अवधेश राय हत्याकांड में जेल में बंद गैंगस्टर से नेता बने मुख्तार अंसारी को उम्रकैद की सजा सुनायी है। मुख्तार को सजा सुनाए जाने के बाद राज्य के लिए विशेष कानून और व्यवस्था डीजी प्रशांत कुमार ने कहा कि फैसला एक इफेक्टिव लाॅबिंग का रिजल्ट है। मुख्तार अंसारी 191 गिरोहों का सरगना है। अकेले मुख्तार पर यूपी, पंजाब और नई दिल्ली में कुल 61 मामले दर्ज हैं। मुख्तार को इस साल 5 मामलों में सजा सुनाई गई है। उसके गिरोह के 298 सदस्यों के खिलाफ कार्रवाई की गई, जिसमें उसके 205 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। आरोपियों से जुड़े 2100 करोड़ के टेंडर को रोकने का काम किया गया। इसके अलावा उम्रकैद की सजा हमारी इफेक्टिव लाॅबिंग का नतीजा है।अवधेश राय हत्याकांड में सुनायी सजा
उत्तर प्रदेश के वाराणसी में एक विशेष सांसद-विधायक अदालत ने 1991 के अवधेश राय हत्याकांड में जेल में बंद गैंगस्टर से नेता बने मुख्तार अंसारी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। 3 अगस्त 1991 को कांग्रेस नेता और पूर्व विधायक अजय राय के भाई अवधेश राय की वाराणसी में अजय राय के घर के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। अंसारी को वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से अदालत के समक्ष पेश किया गया जहां अदालत ने उसे धारा 145 और 302 के तहत दोषी करार दिया। अदालत के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए अधिवक्ता अजय राय ने कहा, 32 साल की लंबी लड़ाई के बाद आज हम जीत गए हैं। हम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हैं... अगर मुझे कुछ होता है तो इसकी जिम्मेदारी बीजेपी सरकार की होगी। 307 के तहत मामला दर्ज किया गया था
विशेष अदालत ने 19 मई को दलीलों के बाद सुनवाई पूरी की, अपना आदेश सुरक्षित रखा और इसे देने के लिए 5 जून की तारीख तय की। अवधेश राय की हत्या के मामले में अजय राय ने एफआईआर में मुख्तार अंसारी, भीम सिंह और पूर्व विधायक अब्दुल कलीम को नामजद किया था। 17 मई को गाजीपुर के एमपी-एमएलए कोर्ट ने मुख्तार अंसारी को उत्तर प्रदेश के मोहम्मदाबाद इलाके में हत्या के प्रयास की साजिश रचने के एक मामले में बरी कर दिया था। 2009 में मीर हसन ने अंसारी के खिलाफ 120बी के तहत हत्या के प्रयास का मामला दर्ज कराया था। अंसारी के खिलाफ गाजीपुर के मोहम्मदाबाद पुलिस स्टेशन में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 307 के तहत मामला दर्ज किया गया था।