UP Nikay Chunav : योगी सरकार को मिली बड़ी राहत, SC ने इलाहाबाद HC के आदेश पर लगाई रोक
नई दिल्ली (पीटीआई)। सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के उस आदेश पर बुधवार को रोक लगा दी जिसमें उत्तर प्रदेश सरकार को शहरी स्थानीय निकाय चुनाव बिना ओबीसी आरक्षण के कराने का निर्देश दिया गया था। मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा की पीठ ने राज्य सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता की दलीलों पर ध्यान दिया और निर्देश दिया कि राज्य सरकार द्वारा नियुक्त एक पैनल को 31 मार्च, 2023 तक स्थानीय निकाय चुनाव के लिए ओबीसी कोटा से संबंधित मुद्दों पर फैसला करना होगा।
प्रशासक नियुक्त करने की दी अनुमति
शीर्ष अदालत ने राज्य सरकार को निर्वाचित प्रतिनिधियों के कार्यकाल की समाप्ति के बाद स्थानीय निकायों के मामलों को चलाने के लिए प्रशासक नियुक्त करने की अनुमति दी। हालांकि, यह कहा गया कि प्रशासकों को बड़े नीतिगत फैसले लेने का अधिकार नहीं होगा। शीर्ष अदालत इससे पहले शहरी स्थानीय निकाय चुनावों पर उसकी मसौदा अधिसूचना को रद्द करने और उसे अन्य पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण के बिना चुनाव कराने का निर्देश देने के उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देने वाली उत्तर प्रदेश सरकार की अपील पर सुनवाई के लिए सहमत हो गई थी।
31 जनवरी को खत्म हो रहा कार्यकाल
उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने 5 दिसंबर की मसौदा अधिसूचना को रद्द करते हुए आदेश दिया था कि राज्य सरकार चुनावों को "तत्काल" अधिसूचित करे क्योंकि कई नगरपालिकाओं का कार्यकाल 31 जनवरी तक समाप्त हो जाएगा। अदालत ने राज्य निर्वाचन आयोग को मसौदा अधिसूचना में ओबीसी की सीटें सामान्य वर्ग को स्थानांतरित करने के बाद 31 जनवरी तक चुनाव कराने का निर्देश दिया था।