UP Health Budget 2020: आयुष्मान भारत का लाभ नहीं उठा पाने वालों के लिए मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना की घोषणा
कानपुर। राष्ट्रीय विकास में प्रत्येक नागरिक के श्रम की भूमिका होती है। स्वस्थ समाज कर्म प्रधान होते हैं। कर्म प्रधान समाज ही ऋद्धि-सिद्धि-समृद्धि प्राप्त करते हैं। समाज के प्रत्येक व्यक्ति का अच्छा स्वास्थ्य योगी सरकार की प्राथमिकताहै। तीन वर्ष पहले तक प्रदेश की स्वास्थ्य सेवायें ही बीमार रहीं हैं। बजट भाषण में उत्तर प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा, 'हमारी सरकार के प्रयासों के परिणाम स्वरूप मातृ मृत्यु दर में सबसे ज्यादा 30 प्रतिशत गिरावट लाने के लिये उत्तर प्रदेश को भारत सरकार की तरफ से एम0एम0आर0 अवार्ड से पुरस्कृत किया गया है। ब्लाॅक स्तर से जिला स्तर तक 104 इंसेफेलाइटिस केन्द्र स्थापित किये गये तथा जापानी इंसेफेलाइटिस व एक्यूट इंसेफेलाइटिस के विरूद्ध अभियान में 3 लाख 50 हजारलोगों को प्रशिक्षित किया गया।'
मुख्यमंत्री आरोग्य स्वास्थ्य मेला का आयोजनउन्होंने कहा, 'ग्रामीण अंचलों में रहने वाली जनता को अधिक से अधिक चिकित्सा सुविधायें उपलब्ध कराना हमारी सरकार की प्राथमिकता है। प्रदेश में टेलीमेडिसिन की शुरूआत की गई है जिसके अन्तर्गत दूरस्थ ग्रामों के रोगी मोबाइल फोन के माध्यम से भी कन्ट्रोल रूम से चिकित्सकीय परामर्श प्राप्त कर सकते हैं। प्रदेश के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर प्रत्येक रविवार को मुख्यमंत्री आरोग्य स्वास्थ्य मेला का आयोजन किया जा रहा है।' 11काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में 'महामना पंडित मदन मोहन मालवीय कैंसर संस्थान', लहरतारा में होमी भाभा कैंसर हाॅस्पिटल और बीआरडी मेडिकल काॅलेज, गोरखपुर में 'सुपर स्पेशिएलटी ब्लाॅक' क्रियाशील हो चुके हैं।
108 ईएमटीएस एम्बुलेंस सेवायोजना के अन्तर्गत प्रदेश मे पूर्वी एवं पश्चिमी क्लस्टर में 2 हजार 200 एम्बुलेसों का संचालन किया जा रहा है एवं एएलएस एम्बुलेंस सेवा की वर्तमान फ्लीट में 250 एम्बुलेंसों का संचालन किया जा रहा है। 108 ईएमटीएस एम्बुलेंस सेवा के माध्यम से 1 करोड़ 40 लाख से अधिक रोगियों तथा एडवांस्ड लाइफ सपोर्ट एम्बुलेंस सेवा के माध्यम से 1 लाख 55 हजार रोगियों को सेवा प्रदान की गयी है।102 एम्बुलेंस सर्विसेजयोजना के अन्तर्गत 2 हजार 270 एम्बुलेंस की सेवायें संचालित की जा रही हैं जिसके माध्यम से 3 करोड़ 70 लाख से अधिक लाभार्थियों को निःशुल्क एम्बुलेंस सेवा प्रदान की जा चुकी है।तेजी से बढ़ी हैं चिकित्सा सुविधायेंस्वास्थ्य सेवाओं के मामले में उत्तर प्रदेश की तस्वीर बदली है और प्रदेश में चिकित्सा सुविधायें तेजी से बढ़ी हैं। हमारी सरकार द्वारा प्रदेश में 08 नये मेडिकल काॅलेज-हरदोई, एटा, प्रतापगढ़, फतेहपुर, सिद्धार्थनगर, देवरिया, गाजीपुर व मिर्जापुर का निर्माण कार्य चल रहा है। 13 नये मेडिकल काॅलेज-बुलन्दशहर, बिजनौर, औरैया, पीलीभीत, लखीमपुर खीरी, कानपुर देहात, ललितपुर, गोण्डा, सुल्तानपुर, कुशीनगर, सोनभद्र, कौशाम्बी और चन्दौली स्वीकृत हो चुके हैं।
UP Budget 2020: सरकार दोगुना करेगी किसानों की आय, कई कृषि योजनाओं की हुई घोषणालखनऊ में मेडिकल कॉलेज का निर्माणपूर्व प्रधानमंत्री भारतरत्न स्व अटल बिहारी वाजपेयी जी की स्मृति में लखनऊ में एक नये चिकित्सा विश्वविद्यालय माननीय अटल बिहारी वाजपेयी, चिकित्सा विश्वविद्यालय का निर्माण कार्य कराया जा रहा है तथा किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय का एक सैटेलाइट सेन्टर बलरामपुर में स्थापित किया जा रहा है।मेरठ में डायबिटिक रेटिनोपैथी उपचार सेन्टर की स्थापना की जायेगीप्रदेश के 07 नये मेडिकल काॅलेजों में एमबीबीएस के प्रथम वर्ष का पठन पाठन वर्तमान वर्ष में प्रारम्भ हो गया है। गोरखपुर और रायबरेली एम्स में 50-50 एमबीबीएस सीटों पर छात्रों के प्रवेश की प्रक्रिया पूरी की जा चुकी है। किंग जाॅर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय, लखनऊ, मेडिकल काॅलेज प्रयागराज तथा मेडिकल काॅलेज, मेरठ में डायबिटिक रेटिनोपैथी उपचार सेन्टर की स्थापना की जायेगी। एसजीपीजीआई में एडवांस्ड डायबिटीज एण्ड इन्डोक्राईन साइंसेज सेन्टर की स्थापना किया जाना प्रस्तावित है।हर साल 5 लाख तक निःशुल्क इलाजआयुष्मान भारत-नेशनल हेल्थ प्रोटेक्शन मिशनके अन्तर्गत प्रदेश में 1 करोड़ से भी अधिकलाभार्थियों के परिवारों को प्रति वर्ष 5 लाख रुपये धनराशि तक की निःशुल्क चिकित्सा सुविधा राजकीय चिकित्सालयों एवं सूचीबद्ध निजी चिकित्सालयों के माध्यम से प्रदान की जा रही है। इस योजना से छूटे हुये पात्र लाभार्थियों के लिये राज्य सरकार द्वारा पृथक से मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना का क्रियान्वयन किया जा रहा है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन एवं प्रदेश सरकार के प्रयासों से संक्रामक रोगों के रोकथाम, बचाव एवं उपचार के सम्बन्ध में कार्यक्रम परक एवं अभियान परक गतिविधियाँ संचालित की गई जिसके फलस्वरूप एईएम/जेई रोगियों एवं मृतकों की संख्या में विगत दो वर्षों में निरन्तर कमी आई है।
जिला पुरूष तथा महिला चिकित्सालयों में सुधार हेतु 70 करोड़ रुपये की व्यवस्था नवसृजित जनपदों में 100 बिस्तरों वाले संयुक्त चिकित्सालयों की स्थापना हेतु 30 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। ग्रामीण क्षेत्रों में चिकित्सा सुविधायें सुदृढ़ करने के उद्देश्य से सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों के भवनों तथा उपकरणों हेतु 65 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। नये प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों के भवन निर्माण हेतु क्रमशः 81करोड़ रुपये एवं 35 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों को उच्चीकृत कर 100 बिस्तरों वाले चिकित्सालय में परिवर्तित किये जाने हेतु 50 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। जिला पुरूष तथा महिला चिकित्सालयों में सुधार-विस्तार एवं नवीनीकरण हेतु 70 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना हेतु 291 करोड़ रुपये की व्यवस्था
डा. श्यामाप्रसाद मुखर्जी (सिविल) चिकित्सालय, लखनऊ परिसर में ओपीडी एवं वार्ड के विस्तार हेतु 50 लाख रुपये एवं ट्राॅमासेन्टर के भवन निर्माण हेेतु 12 करोड़ 50 लाख रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना उत्तर प्रदेश के समस्त जनपदों में लागू है। योजना हेतु 291 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। किंग जाॅर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी हेतु 919करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।एसजीपीजीआई हेतु 820 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। ग्रामीण आयुर्विज्ञान संस्थान, सैफई हेतु 309करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। डाॅ राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान हेतु 477करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। कैंसर संस्थान, लखनऊ के लिये 187करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। असाध्य रोगों के इलाज हेतु निःशुल्क चिकित्सा सुविधा के लिये 40 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। राजकीय मेडिकल काॅलेज, आजमगढ़ के लिये 96 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। जिला चिकित्सालयों को उच्चीकृत कर मेडिकल काॅलेजों की स्थापना की योजना के अन्तर्गत 73 करोड़ 86 लाख रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।