उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के पांचवें चरण में 27 फरवरी को मतदान होना है। इस चरण में 61 सीटों के लिए वोट डाले जाएंगे। बीजेपी के लिए अयोध्या प्रयागराज चित्रकूट में तो कांग्रेस के लिए रायबरेली अमेठी और सुल्तानपुर साख दांव पर लगी है।


लखनऊ (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के पांचवे चरण का मतदान पूर्वांचल के 12 जिलों के 61 विधानसभा क्षेत्र में होने हैं। जैसे-जैसे मतदान अपने अंतिम चरण की ओर पहुंच रहा, वैसे-वैसे नेताओं के हमले हमले एक-दूसरे पर तीखे होते जा रहे हैं। इस चरणम में अमेठी, रायबरेली, सुल्तानपुर, चित्रकूट, प्रतापगढ़, कौशांबी, प्रयागराज, बाराबंकी, अयोध्या, बहराइच, श्रावस्ती जैसी सीटों पर बीजेपी और कांग्रेस की इज्जत दांव पर लगी हैं।अयोध्या में चलेगा राम मंदिर का मुद्दा!


2017 के विधानसभा चुनाव के दौरान इन 61 सीटों में से 47 सीटें बीजेपी की झोली में आई थी। वहीं उसके सहयोगी अपना दल को 3 सीटें मिली थी। वहीं सपा के खाते में महज 5 सीटें मिली थी। कांग्रेस को 2 तो बसपा को 3 सीटों पर जीत मिली थी। 1 सीट पर निर्दलीय ने बाजी मारी थी। इस चरण में अयोध्या की सीट भी शामिल है, जहां बीजेपी ने राम मंदिर आंदोलन के नाम पर अपनी राजनीतिक जमीन तैयार की थी। इस बार फिर वह इसी मुद्दे को कैश कराने की कोशिश कर रही है।कार सेवकों पर गाेलियां चलवाने वाले मंदिर कभी नहीं बनवाएंगे : योगी

पिछले वर्ष राम मंदिर का निर्माण शुरू होने के बाद बीजेपी एक बार फिर से इस मुद्दे को कैश कराने की कोशिश करेगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने एक रैली में कहा कि जिन्होंने कार सेवकों पर गोलियां चलवाईं, वे मंदिर कभी नहीं बनने देंगे। यह बीजेपी है जो मंदिर का निर्माण संभव करेगी।अवध और पूर्वांचल बेल्ट बीजेपी का मजबूत गढ़यदि कांग्रेस प्रदेश में रहना चाहती है तो मतदान के पांचवें चरण में उसके लिए अमेठी और रायबरेली में खुद को पुनर्जीवित करने की जरूरत है। रायबरेली में पार्टी के दो विधायक थे। दोनों ही पार्टी छोड़ कर बीजेपी में चले गए। सभी पार्टियों के लिए इस चरण में राजनीतिक मौसम कुछ अलग है। विरोधी बता रहे हैं कि बीजेपी के खिलाफ एंटी इंकम्बेंसी है जबकि बीएसपी इस चरण के बाद किंग मेकर की भूमिका में आ सकती है। वहीं सपा अपने 2017 के प्रदर्शन में सुधार करने के लिए पुरजोर कोशिश कर रही है। 2017 से ही अवध और पूर्वांचल बेल्ट बीजेपी के लिए मजबूत गढ़ रहा है।पूर्वांचल में आवारा जानवरों द्वारा खेत बर्बाद करना प्रमुख मुद्दा

2019 के लोकसभा नतीजों ने इस बात की पुष्टि कर दी कि पूर्वांचल और अवध बेल्ट पर बीजेपी की मजबूत पकड़ है। दो जातियों के मजबूत समर्थन वाली पार्टी सपा और बसपा के गठबंधन के बावजूद बीजेपी ने शानदार प्रदर्शन किया। विरोधी बता रहे हैं कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में यदि कृषि कानूनों से किसान नाराज होकर मतदान किए होंगे तो पांचवें चरण में आवारा जानवरों द्वारा खेत बर्बाद करना बीजेपी के विरोधियों के लिए एक प्रमुख मुद्दा बना हुआ है।आवारा जानवरों से निपटने के लिए पार्टियों के लुभावने वादेप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बहराइच में अपनी रैली के दौरान कहा कि आवारा जानवरों से निपटने के लिए सरकार एक योजना लेकर आएगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जो किसान गाय रखेगा उसे 900 रुपये देने का वादा किया है। वहीं सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि यदि उनकी पार्टी सत्ता में आती है तो अपनी खेत बचाने के लिए जान देने वाले किसानों को पांच-पांच लाख रुपये मुआवजा देगी।

Posted By: Inextlive Desk