उन्नाव दुष्कर्म पीड़िता की दिल्ली के सफदरगंज अस्पताल में इलाज के दौरान शुक्रवार की रात मौत हो गई। पीड़िता के भाई ने सभी पांच आरोपियों को फांसी की सजा देने की मांग की है। वहीं पीड़िता के पिता का कहना है कि सभी आरोपियों का एनकाउंटर होना चाहिए।


नई दिल्ली (एएनआई)। उन्नाव दुष्कर्म पीड़िता ने दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में कार्डियक अरेस्ट के बाद दम तोड़ दिया। अब उसके भाई ने कहा है कि पांचों आरोपी मौत की सजा के लायक हैं। एएनआई से बात करते हुए उन्होंने कहा, 'मेरे पास कहने के लिए वास्तव में कुछ भी नहीं है। मेरी बहन हमारे साथ नहीं है, मेरी एकमात्र मांग यह है कि पांचों आरोपी मौत के लायक हैं और इससे कम सजा उन्हें नहीं मिलनी चाहिए।' बता दें कि शुक्रवार को लड़की के परिवार ने कहा कि उन्हें मौत की धमकी मिली है और फोन करने वालों ने भी धमकी दी है कि वे दुकान को आग लगा देंगे। इसके अलावा पीड़िता के चाचा और चाची और कुछ अन्य रिश्तेदारों को धमकी भरे फोन आए जिन्होंने कहा कि वे डर में जी रहे हैं। परिवार ने पुलिस प्रशासन से सुरक्षा की मांग की है।


Unnao Case: पीड़िता की मौत के बाद विधानसभा के बाहर धरने पर बैठे पूर्व यूपी सीएम अखिलेश यादवआरोपियों ने केस दबाने के लिए किया पैसों का इस्तेमाल

वहीं, पीड़िता के पिता हैदराबाद की तरह इस मामले में न्याय की मांग कर रहे हैं। उन्होंने कहा, 'मैं आरोपियों का एनकाउंटर चाहता हूं। मुझे पैसे या किसी और तरह की मदद नहीं चाहिए। मैं चाहता हूं कि जिस तरह से हैदराबाद में पुलिस ने आरोपियों का पीछा कर उन्हें खत्म किया, उसी तरह यहां भी हो या आरोपियों को मौत की सजा सुनाई जाए।' जब उनसे पूछा गया कि क्या कोई उन्हें न्याय दिलाने के लिए आगे आया है, तो उन्होंने कहा कि न तो किसी विधायक ने और न ही किसी अधिकारी ने उनकी मदद करने की कोशिश की है। आरोपियों ने हमारे लिए इस मामले को दबाने के लिए अपने पैसे और पावर का इस्तेमाल किया है। उन्होंने कहा, 'मेरा मामला दर्ज नहीं किया गया था और अदालत के निर्देश के बाद ही यह दर्ज किया गया था।'उन्नाव दुष्कर्म पीड़िता का पोस्टमार्टम : यूपी और दिल्ली पुलिस फोरेंसिक प्रक्रिया का नहीं होगी हिस्सामार्च में दर्ज हुआ था दुष्कर्म का मामला

दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में जीवन के लिए जूझने के बाद उन्नाव दुष्कर्म पीड़िता शुक्रवार की रात 11:40 बजे मौत हो गई थी। पीड़िता को गुरुवार की सुबह अदालत में सुनवाई के लिए जाते समय अगवा कर लिया गया था। महिला उस समय एक स्थानीय अदालत में दुष्कर्म के मामले की सुनवाई पर जाने के लिए घर से निकली थी। पीड़िता ने इस साल मार्च में आरोपियों के खिलाफ दुष्कर्म का मामला दर्ज कराया था। मामले की उत्तर प्रदेश के एक स्थानीय अदालत में सुनवाई चल रही थी। गुरुवार को 23 वर्षीय पीड़िता को लखनऊ के एसएमसी सरकारी अस्पताल से सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

Posted By: Mukul Kumar