इस साल का बजट हमारे लिये बहुत ही ख़ास था क्योंकि देश में जीएसटी लागू होने के बाद का ये पहला बजट है। वित्तमंत्री अरुण जेटली इस साल अपना पांचवा बजट पेश किया है। इस बजट से रोजगार पर बड़ा असर होगा। चलिए जानते हैं कि यह बजट देश के युवाओं को कितना रोजगार देगा।


इस बजट से युवाओं को ढ़ेरों उम्मीदसाल 2018-19 का बजट पेश हो चुका है। बता दें कि मोदी सरकार देश में रोजगार के मामलों में अभी तक पूरी तरह से सफल नहीं हो पाई थी। लेकिन इस सरकार ने अपने कार्यकाल का आखिरी बजट पेश करते हुए है, इस साल 70 लाख नए रोजगार देने का ऐलान कर दिया है। इसके अलावा वित्त मंत्री अरुण जेटली ने नए कर्मचारियों को 12 परसेंट तक ईपीएफ देने की भी घोषणा की है।  मुद्रा योजना के तहत मिलेगा लोन सरकार ने इस साल रोजगार बढ़ाने के लिए ऑर्गेनाइज्ड सेक्टर और छोटी इंडस्ट्री पर भी ख़ासा ध्यान दिया है। बता दें कि मुद्रा योजना के तहत सरकार कर्मचारियों को 3 लाख करोड़ का फंड प्रदान करेगी। इस बजट के बाद यह कहा जा सकता है कि रोजगार को लेकर लोगों की उम्मीदें कुछ हद तक पूरी हुई हैं।


रोजगार और गाँव का रिश्ता

खास बात ये रही कि ग्रामीण इलाकों के लिए राष्ट्रीय आजीविका मिशन के तहत 5,750 करोड़ रुपये आबंटित किया गया है। हालांकि मेक इन इंडिया के तहत रोजगार में किसी तरह की फायदेमंद योजना की घोषणा वित्त मंत्री द्वारा नहीं की गई है, लेकिन ग्रामीण विकाश और रोजगार को लेकर एक ताना बाना बुनने की कोशिश दिखाई पड़ती है। इसके तहत सड़क, शौचालय, बिजली को ग्रामीण रोजगार से जोड़ दिया गया है। यानी की ग्रामीण हाट से अब रोजगार बढ़ने की बात की जा रही है। इसके अलावा भारत सरकार द्वारा टेक्सटाइल सेक्टर में भी 7,140 करोड़ रूपए का खर्च किया जायेगा। 

Posted By: Mukul Kumar