Budget 2021: बजट पेश होने से पहले हर किसी की निगाहें इकोनॉमिक सर्वे पर होती हैं। लोग इसका बेसब्री से इंतजार करते हैं। आइए जानें क्या है ये इकोनॉमिक सर्वे और इसका महत्व...

कानपुर (इंटरनेट डेस्क)। Budget 2021: कोरोना वायरस महामारी के बाद के विकास को पटरी पर लाने की दिशा में प्रयासरत वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को बजट पेश करेंगी। सीतारमण तीसरी बार बजट प्रस्तुत करने वाली हैं। इस बार भी वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों का विभाग एक इकोनॉमिक सर्वे (आर्थिक सर्वेक्षण) पेश करेगा। इकोनॉमिक सर्वे हर साल बजट से एक दिन पहले प्रस्तुत किया जाता है। इकोनॉमिक सर्वे बहुत जरूरी हाेता है। लोग इसका बेसब्री से इंतजार करते हैं।

सर्वे में योजनाओं एवं उनके क्रियान्वयन के बारे में पता चलता
इकोनॉमिक सर्वे से देश की अर्थव्यवस्था की तस्वीर का पता चलता है और आगामी बजट की झलक भी मिलती है। इकोनॉमिक सर्वे के जरिए पिछले एक वर्ष में देश में हुए विकास, निवेश तथा योजनाओं एवं इसके क्रियान्वयन के बारे में पता चलता है। इसके अलावा किस सेक्टर में कैसी स्थिती है तथा वहां कितना उतार-चढ़ाव रहा और आगे उसमें क्या किया जायेगा इसकी रूपरेखा भी बताई जाती है। इसके साथ ही इकोनॉमिक सर्वे में छोटी अवधि से लेकर मध्यावधि तक अर्थव्यवस्था की संभावनाएं गिनवाई जाती हैं।

आर्थिक विशेषज्ञों की टीम द्वारा तैयार होता है इकोनॉमिक सर्वे
इकोनॉमिक सर्वे को मुख्य रूप से बजट का बेस माना जाता है। हालांकि इसमें पेश सिफारिशों को मानने के लिए सरकार बाध्य नहीं होती है। इकोनॉमिक सर्वे की रिपोर्ट को विशेष रूप से वित्त मंत्रालय में आर्थिक विशेषज्ञों की टीम द्वारा तैयार किया जाता है। इकोनॉमिक सर्वे की रिपोर्ट को तैयार करने में अलग-अलग सरकारी एजेंसियों के आंकड़ों का विश्लेषण किया जाता है। इकोनॉमिक सर्वे की रिपोर्ट को तैयार करने में कई महीने लगते हैं। चीफ इकोनॉमिक एडवाइजर द्वारा इस टीम की अगुवाई की जाती है।

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Posted By: Shweta Mishra