Budget 2021: बजट 1 फरवरी को ही क्यों आता है, केंद्रीय बजट से जुड़ी ये 15 खास बातें जो शायद ही आप हों जानते
कानपुर (इंटरनेट डेस्क)। Budget 2021 वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट 2021 आगामी 1 फरवरी को सुबह 11 बजे संसद के समक्ष प्रस्तुत करने के लिए तैयार है। 1999 से पहले, भारत का केंद्रीय बजट शाम को लगभग 5 बजे पेश किया जाता था। पहले ब्रिटिश शासन था और ब्रिटेन के संसदों के सदस्य आजादी से पहले भारत का बजट सुनते थे। इसलिए यह समय ब्रिटिश संसद के आधार पर तय किया गया था ताकि सांसद इसे आराम से सुन सकें। आजादी के बाद भी इस परंपरा का लंबे समय तक पालन किया गया। हालांकि 1999 में अटल बिहारी बाजपेयी के कार्यकाल में यह पैटर्न बदल गया। तत्कालीन वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने सुबह 11 बजे बजट पेश करने की परंपरा शुरू की। उन्होंने अपने वित्त सचिव विजय केलकर, अपने मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों और डी स्वरूप के साथ चर्चा कर बजट प्रस्तुति को शाम की बजाय सुबह करने का फैसला लिया था। इसके बाद से केंद्रीय बजट दिन में प्रस्तुत किया जाता है।
बजट 1 फरवरी को आने लगा
पहले बजट फरवरी माह के अंतिम कार्य दिवस में पेश किया जाता था। हालांकि 2017 से 1 फरवरी या फरवरी के पहले दिन पेश किया जाने लगा। तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इस परंपरा की शुरुआत की थी और तब से इसका पालन किया जा रहा है।
साल 2017 से एक और बड़ा बदलाव किया गया है। केंद्र की नरेन्द्र मोदी सरकार ने रेल बजट को आम बजट में समायोजित कर दिया था। पहले रेल बजट और आम बजट अलग-अलग पेश किए जाते थे। बजट शब्द यहां से लिया गया
बजट शब्द 'बॉजेट' से लिया गया है जिसका मतलब है कि फ्रेंच में छोटा बैग होता है। 1860 में पहला भारतीय बजट पेश हुआ
स्कॉटिश अर्थशास्त्री और राजनीतिज्ञ जेम्स विल्सन द्वारा 1860 में पहला भारतीय बजट पेश किया गया था।
अब तक का सबसे लंबा बजट भाषण
अरुण जेटली ने 2014 में सबसे लंबा बजट भाषण दिया था। यह करीब 2.5 घंटे का था। सीतारमण बजट पेश करने वाली दूसरी महिला
5 जुलाई, 2019 को, सीतारमण 1970-71 में भारत की पूर्व पीएम इंदिरा गांधी के बाद बजट पेश करने वाली दूसरी महिला बनीं।
हलवा रस्म अदा की जाती है
बजट की छपाई से पहले वित्त मंत्रालय में एक हलवा समारोह आयोजित किया जाता है। शुभ काम से पहले मुंह मीठा करने के लिए हलवा जैसी पारंपरिक मिठाई मंत्रालय के कर्मचारियों को वितरित की जाती है। रस्म के मुताबिक इसे लोहे के बर्तन में इसे बनाया जाता है।
1955 तक, यूनियन बजट अंग्रेजी में प्रस्तुत किया जाता था। इसके बाद कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार ने बजट को हिंदी और अंग्रेजी दोनों में छापने का फैसला किया। आजादी के बाद का पहला बजट
भारत का पहला स्वतंत्र बजट 26 नवंबर, 1947 को RK Shanmukhan Chetty द्वारा प्रस्तुत किया गया था। प्रधानमंत्री ने पेश किया बजट
जवाहरलाल नेहरू बजट पेश करने वाले पहले प्रधानमंत्री थे। उन्होंने 1958-59 में वित्त मंत्री का पोर्टफोलियो संभाला था। जब बजट लीक हो गया था
भारतीय केंद्रीय बजट राष्ट्रपति भवन में छपता था लेकिन 1950 में जब यह लीक हो गया तो नई दिल्ली में मिंटो रोड पर एक प्रेस को ट्रांसफर कर दिया गया। वर्ष 1980 में नॉर्थ ब्लॉक में एक सरकारी प्रेस की स्थापना की गई थी। ब्रीफकेस वाली परंपरा टूटी
2019 में, वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने वर्षाें से चली आ रही ब्रीफकेस बजट वाली परंपरा को तोड़ दिया था। वह लाल रंग की मखमली कवर वाली फाइल में बजट लेकर संसद पहुंचीं थी।
'ब्लैक बजट' नाम कैसे पड़ा
1973-74 के बजट को भारत में 'ब्लैक बजट' के रूप में जाना जाता है। बजट घाटा 550 करोड़ रुपये था।
मोरारजी देसाई ने अब तक सबसे ज्यादा 10 बार बजट पेश किया है। 6 बार वित्तमंत्री और 4 बार उपप्रधानमंत्री रहते हुए उन्हें बजट पेश करने का माैका मिला। इनमें 2 अंतरिम बजट शामिल हैं। Budget 2021: इकोनॉमिक सर्वे का है बेसब्री से इंतजार, जानें बजट से एक दिन पहले ये क्यों होता है पेश