लंबे इंतजार के बाद आखिरकार मोदी सरकार का पहला आम बजट गुरुवार को पेश हो गया. फाइनैंस मिनिस्टर अरुण जेटली ने देश के एग्रीकल्चर सेक्टर को सुधारने के लिए कुछ बड़े ऐलान किए. आइए एक नजर डालते हैं इन ऐलानों पर और देखते है कि देश का बैकबोन कही जाने वाले फार्मिंग सेक्टर के अच्छे दिनों के लिए मोदी सरकार ने क्या कोशिशें की हैं-


एग्रीकल्चर को बूस्ट करने के लिए दिए आठ लाख करोड़ रुपयेदेश में खेती की हालत सुधारने के लिए आम बजट में फाइनेंस मिनिस्टर अरुण जेटली आठ लाख करोड़ रुपये एग्रीकल्चर क्रेडिट का एलान किया. इससे किसान कम रेट्स पर लोन ले सकेंगे. किसानों को सात फीसदी की रेट से लोन देने की बात कही गई. इसके अलावा 100 करोड़ रुपये एग्रीकल्चर इंफ्रास्टक्चर फंड के लिए दिए गए हैं. जेटली ने राजस्थान और आंध्र में एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटीज खोलने का भी ऐलान किया. जिससे फॉर्मिंग से रिलेटेड नए रिसर्च किये जा सकें. इसके साथ ही तेलंगाना और हरियाणा में हॉर्टीकल्चर यूनिवर्सिटीज खोलने की भी बात कही. ताकि किसानों में बागवानी के लिए दिलचस्पी को बढ़ाया जा सके.अनाज के स्टोरेज के लिए दिये 5000 करोड़ रुपये
देश में अनाजों का स्टोरेज एक बड़ी गंभीर समस्या है. लाखों टन अनाज स्टोरेज का इंतजाम न होने से बर्बाद हो जाते हैं. सरकार ने इस मसले को संजीदगी से लिया है और स्टोरेज के लिए 5000 करोड़ रुपये मुहैया कराए हैं. इसके साथ ही किसान विकास पत्र लाने की बात भी कही गई. मिट्टी की क्वालिटी की जांच के लिए 'मिट्टी हेल्थ कार्ड' और मोबाइल मिट्टी परीक्षण केंद्र भी खोले जाएंगे. इसके साथ ही किसान इस पर भी विचार कर रही है कि हार्वेस्टिंग के बाद किसानों को लोन कैसे दिया जाय. गांव में लोगों को रोजगार देने वाली योजना मनरेगा को जारी रखा गया है.किसानों के लिए अलग टीवी चैनलकिसानों के लिए एक अलग टीवी चैनल खोला जाएगा. इस किसान टीवी चैनल के लिए 100 करोड़ रुपये दिए गए. जिसमें उनके लिए कारगर साबित होने वाले प्रोग्राम ब्रॉडकास्ट किए जाएंगे. गांवों में ट्रांसपोर्ट के लिए प्रधानमंत्री सड़क योजना है. इसके लिए 14,389 करोड़ रुपये दिए गए हैं. इसके साथ ही खाद्य पदार्थों में मंहगाई पर काबू रखने के लिए 500 करोड़ रुपये एलॉर्ट किए गए हैं. गावों में इलेक्ट्रिसिटी के लिए 'दीनदयाल उपाध्याय ज्योति योजना' शुरू की जाएगी. किसानों को लंबे टाइम तक क्रेडिट के लिए जेटली ने नेशनल बैंक ऑफ एग्रीकल्चर एंड रुरल डेवलपमेंट (NABARD) में एक ong-term rural credit fund स्टैबलिश करने की बात कही. उन्होने उम्मीद जताई कि इससे लगभग पांच लाख भूमिहीन किसानों को फायदा पहुंचेगा. हम कह सकते हैं कि बजट में एग्रीकल्चर सेक्टर की सेहत सुधारने के लिए लंबी-चौड़ी प्लानिंग की गई है. लेकिन इन सबकी कामयाबी स्मार्ट एक्जिक्यूशन पर डिपेंड करेगी.

Posted By: Shweta Mishra