एक सिक्के के दो पहलू, निर्णय लेने से पहले समझें नजरिया, इस कहानी से लें सीख
दूसरे सैनिक की यह बात सुनकर पहले सैनिक ने क्रोधित होकर कहा, 'मैं तुम्हारी तरह बेवकूफ नहीं कि हरे और लाल रंग में भी फर्क न कर सकूं? ढाल का रंग लाल है, हरा नहीं।‘ दूसरे सैनिक को और भी अधिक क्रोध आ गया। इसी बात पर दोनों की अनबन हो गई और कहासुनी के बाद नौबत लड़ाई तक आ गई। दोनों ने तलवारें खींच लीं और एक-दूसरे पर वार करने लगे।
संयोग ऐसा हुआ कि एक ही समय दोनों को एक-दूसरे की तलवार लगी और दोनों घायल होकर जमीन पर गिर पड़े। परंतु गिरने के साथ ही दोनों की स्थिति बदल गई। पहला सैनिक वहां जा गिरा, जहां से खड़े होकर दूसरे सैनिक ने ढाल को देखा था और दूसरा सैनिक वहां गिरा, जहां पहला सैनिक खड़ा था। दोनों ने एक बार फिर नजरें उठाकर ढाल की ओर देखा। और यह क्या, दोनों ढाल की ओर देखते ही हैरान रह गए। दोनों ही सैनिक अपने स्थान पर सही थे। वास्तव में ढाल एक और से लाल रंग की तथा दूसरी ओर से हरे रंग की थी।
हर चीज के कई पहलूफ्रेंड्स, हर चीज के कई पहलू होते हैं। हो सकता है कि आपको कोई बात जिस तरह से समझ आ रही हो, उसे लेकर किसी दूसरे का रिएक्शन कुछ और हो। हमें अपने साथ-साथ दूसरों के नजरिए को भी परख लेना चाहिए, ताकि ऐसी स्थिति से बचा जा सके।काम की बात
1. जरूरी नहीं कि हमेशा आपका नजरिया ही सही हो, दूसरा भी अपनी जगह सही हो सकता है।2. समझदारी इसी में है कि हमें किसी नतीजे पर पहुंचने से पहले दूसरों के नजरिए को भी समझ लेना चाहिए।
वाकई आप जिंदगी में कुछ करना चाहते हैं तो अपनाएं ये टिप्स