कश्‍मीर मामले को लेकर यूएन में आवाज उठाने वाले पाकिस्‍तानी पीएम नवाज शरीफ को बड़ा झटका लगा है. संयुक्‍त राष्‍ट्र प्रमुख बान की मून के प्रवक्‍ता ने कश्‍मीर को लेकर अपनी दखलंदाजी से साफ इंकार कर दिया है.

बातचीत से निकाले हल
भारत और पाकिस्तान के बीच कश्मीर विवाद पर टिप्पणी करते हुये संयुक्त राष्ट्र ने कहा कि इन दोनों देशों को सभी मसलों का हल बातवीत के जरिये निकालना चाहिये. गौरतलब है कि राष्ट्रीय सुरक्षा और विदेश मामलों पर पाकिस्तानी प्रधानमंत्री के सलाहकार सरताज अजीज ने संयुक्त राष्ट्र प्रमुख बान की मून को लिखे एक पत्र में भारत पर जान-बूझकर और बिना किसी उकसावे के पिछले कुछ दिनों से संघर्ष विराम का उल्लंघन करने और सीमापार से गोलीबारी करने का आरोप लगाया था. इसके अलावा इस मामले पर यूएन से दखल देने की मांग भी की गई थी.

यूएन का साफ इंकार

संयुक्त राष्ट्र ने कहा है कि भारत और पाकिस्तान दोनों देश कश्मीर मसले को आपसी बातचीत के जरिए सुलझाएं. यूएन की तरफ से कहा गया, कि ये दोनों देशों का आपसी मसला है, इस पर हमारी दखलअंदाजी ठीक नहीं. पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने अमेरिकी सीनेटरों से मुलाकात के दौरान सोमवार को कश्मीर का मसला उठाया और कहा कि इसका हल संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों के अनुरूप होना चाहिए.

क्या लिखा था पत्र

पाकिस्तानी प्रधानमंत्री के राष्ट्रीय सुरक्षा और विदेश मामलों के सलाहकार सरताज अजीज ने भारत पर एक सप्ताह से जानबूझकर और अकारण संघर्ष विराम के उल्लंघन और गोलीबारी करने का आरोप लगाया है. अजीज ने पत्र में लिखा,'जैसा कि आप जानते हैं कि जम्मू और कश्मीर विवाद संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के लंबित मुद्दों में एक रहा है. इसका प्रस्ताव संयुक्त राष्ट्र की देखरेख में जम्मू और कश्मीर के लोगों के आत्मनिर्णय के लिये जनमत संग्रह कराने का वादा करता है, हालांकि यह आज तक वैध है क्योंकि यह क्रियान्वित नहीं हुआ है.' इसके साथ ही अजीज ने कहा कि पाकिस्तान क्षेत्र में शांति और सुरक्षा के हित में संयुक्त राष्ट्र और विश्व समुदाय को दशकों से इस वादे की याद दिलाता आ रहा है.  

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Posted By: Abhishek Kumar Tiwari