Umran Malik journey: फल बेचने वाले का बेटा बना भारत का सबसे तेज गेंदबाज, जो हवा में उड़ा देता है स्टंप
कानपुर (इंटरनेट डेस्क)। उमरान मलिक जब 18 साल के थे तब जम्मू-कश्मीर अंडर -19 टीम का हिस्सा बने। उमरान ने पहली बार 17 साल की उम्र में लेदर बाॅल से खेलना शुरु किया। यह वाक्या कूच बिहार ट्राॅफी के दौरान का है। प्रैक्टिस सेशन चल रहा था और अपनी तूफानी गेंदबाजी से उमरान ने भारत के अंडर -19 चयनकर्ताओं को चौंका दिया। उस वाक्ये को याद कर उमरान ने क्रिकइन्फो से बातचीत में कहा, 'वे (सलेक्टर्स) वैष्णो देवी मंदिर के दर्शन करने आए थे। उन्होंने मुझे सीमेंट के विकेट पर नेट्स में गेंदबाजी करते देखा और पूछा, 'तुम कौन हो? तुम इतनी तेज गेंदबाजी कर रहे हो! तुम मैच क्यों नहीं खेल रहे हो?'"
गेंदबाज की स्पीड से दुनिया हैरान
तब चयनकर्ताओं ने जम्मू-कश्मीर के अंडर-19 कोच से संपर्क किया और उन्हें मलिक को मैच खिलाने की सलाह दी। यह पहली बार था जब मलिक को एहसास हुआ कि वह इस मौके को बड़ा बना सकते हैं। पिछले साल मलिक, जो अब 22 साल के हैं, आईपीएल में खेलने वाले जम्मू-कश्मीर के केवल चौथे क्रिकेटर बने थे। जैसे ही वह अपने शुरुआती गेम में गेंदबाजी करने के लिए दौड़े, सनराइजर्स हैदराबाद के लिए स्पीडोमीटर ध्यान में आ गया। उन्होंने अपने स्पेल में कई बार 150kph की रफ्तार पकड़ी। अपने दूसरे मैच में, उन्होंने टूर्नामेंट के इतिहास में एक भारतीय द्वारा सबसे तेज गेंद फेंकी जोकि 152.95kph की थी। मगर इस सीजन तो उमरान ने 153 किमी की स्पीड पकड़ ली।
जम्मू के गुर्जर नगर में एक मामूली परिवार से ताल्लुक रखने वाले मलिक ने छोटी उम्र में ही खेलना शुरू कर दिया था। उनके पिता, अब्दुल राशिद, शहीदी चौक में एक फल-विक्रेता हैं। उमरान के घर में उनकी माँ और दो बड़ी बहनें हैं और सभी उमरान को पूरा सपोर्ट करते हैं। क्रिकइन्फो से बातचीत में उमरान के पिता राशिद कहते हैं, ''दिन में स्कूल में खेलने के बाद वह बैग घर पर ही छोड़ देता था और शाम को भी क्रिकेट खेलने चला जाता था। मैं उससे कहता था, 'क्रिकेट खेलो लेकिन पढ़ाई पर भी थोड़ा ध्यान दो। मैंने उसके लिए किट या अन्य चीजें खरीदने से कभी इनकार नहीं किया।"
टेनिस बाॅल से लेदर बाॅल तक का सफर
मलिक के लंबे, स्थिर रन-अप और और शानदार छलांग ने कमेंटेटरों और प्रशंसकों को उनके एक्शन की तुलना वकार यूनिस से की। हालांकि उमरान कहते हैं कि उन्होंने किसी को काॅपी नहीं किया और यह उनका नैचुरल एक्शन हैं। मलिक की क्रिकेट यात्रा को करीब से देखने वाले जम्मू-कश्मीर के क्रिकेटर रमन थपलू कहते हैं, ''हर टीम उन्हें अपने स्कॅाड में रखना चाहती थी।'' टेनिस-बॉल क्रिकेट में उनकी बढ़ती लोकप्रियता ने उन्हें लेदर-बॉल क्रिकेट को आजमाने के लिए प्रेरित किया।
घरेलू क्रिकेट में उमरान को गजनी के नाम से जाना जाता है। इसकी वजह थी वह कटे हुए बाल रखते थे और कद-काठी काफी लंबी चौड़ी है।थपलू याद करते हैं, "लोग कहते थे, 'गजनी बड़े छक्के मरता है, गजनी गेंदबाजी बड़ी तेज करता है।' इसके बाद जल्द ही मलिक के दोस्तों ने सुझाव दिया कि वह अपने कौशल में सुधार के लिए एक कोच के पास जाए। तब उमरान ने एमए स्टेडियम का रुख किया, जहां एक स्थानीय कोच रणधीर सिंह मन्हास ने युवा क्रिकेटरों को प्रशिक्षित किया।
कौन था पहला कोच
मन्हास उमरान के साथ पहली मुलाकता को याद करते हुए कहते हैं, "मुझे याद आ रहा है कि यह सुबह का सत्र था, और मेरे पास कुछ तेज गेंदबाजों की कमी थी। जब वह मेरे (उमरान) पास आया, तो मैंने कहा, 'ठीक है, तुम गेंदबाजी कर सकते हो। उमरान ने अभी-अभी कुछ गेंदें फेंकी ही थीं, जब जम्मू-कश्मीर के एक वरिष्ठ क्रिकेटर राम दयाल अंदर आए। वह नेट्स पर रुके और कुछ देर देखते रहे। "उन्होंने [दयालp>
सलेक्टर्स को किया इंप्रेस
कोच से ट्रेनिंग लेने के बादवजूद मलिक का करियर अभी भी पटरी पर नहीं आया था। जब वह जम्मू-कश्मीर अंडर-19 ट्रायल के लिए गए, तो वह हैरान रह गए। उमरान कहते हैं, "मुझे बताया गया कि मैं जिला स्तर पर नहीं खेला हूं, इसलिए मैं ट्रायल में नहीं जा सकता।" फिर भी, मलिक अगले दिन वहां पहुंच गए। उस घटना को याद करते हुए उमराने कहते हैं, "मैं नेट्स पर गया और जैसा कि उन्हें नहीं पता था कि मैंने जिला खेला है या नहीं, मैंने गेंदबाजी शुरू की। मैंने सिर्फ एक गेंद फेंकी और चयनकर्ता मेरे पास आया और कहा, 'आप टीम में होंगे, चिंता न करें। बस अपने आप को तैयार रखें।'
आईपीएल से बनाई पहचान
उमरान मलिक अब घरेलू क्रिकेट में जाना-पहचाना नाम है। अब आईपीएल में आकर पूरी दुनिया में चर्चा का विषय बन गए। उमरान को पिछले साल ही आईपीएल खेलने का मौका मिला था और इस बार तो उन्होंने अपनी स्पीड से सबके छक्के छुड़ा दिए हैं। उमरान के पिता राशिद कहते हैं, "न केवल मेरा परिवार बल्कि पूरा जम्मू-कश्मीर और भारत उसकी गेंदबाजी को देखकर खुश है। उसकी मेहनत रंग लाई है।" टीम इंडिया में सलेक्शन को लेकर उमरान कहते हैं, 'मेरा पहला सपना हमारी टीम को विश्व कप उठाते हुए देखना होगा। मैं नेट्स में अच्छी गेंदबाजी करने और चयनकर्ताओं को प्रभावित करने की कोशिश करूंगा, ताकि वे मुझे भविष्य की किसी भी सीरीज के लिए चुन सके, इंशाअल्लाह।"