यूक्रेन के क्राईमिया प्रायद्वीप पर रूस धीरे-धीरे शिकंजा कसता जा रहा है.


सोमवार को पोलैंड और रोमानिया में नैटो के विमानों की तैनाती के ऐलान से कुछ घंटे पहले ही क्राईमिया में सैन्य पोशाक में आए 20-30 हथियारबंद लोगों ने प्रशासनिक राजधानी सिमफेरोपोल में एक सैन्य अस्पताल पर कब्ज़ा कर लिया.कहा जा रहा है कि ये लोग स्थानीय मिलिशिया और रूसी सैनिक हैं. अस्पताल में क़रीब 30 मरीज़ थे. इनमें से कुछ की हालत गंभीर बताई गई है. ये मरीज़  यूक्रेनी सैनिक या सेवानिवृत सैनिक हैं.अस्पताल के प्रमुख येवगेनी पिवोवारोव का कहना था कि हमलावरों ने अस्पताल के कर्मचारियों और मरीज़ों को धमकाया. उन्होंने कहा कि उनसे ज़ोर-ज़बरदस्ती की गई. मुझे 20 मीटर दूर खड़ी एक पीले रंग की बस में धकेल दिया गया और वहां क़रीब आधे घंटे तक मुझे रखा गया.वफ़ादारी की क़सम


"हमलावरों ने अस्पताल के कर्मचारियों और मरीज़ों को धमकाया. उन्होंने कहा कि उनसे ज़ोर-ज़बरदस्ती की गई. मुझे 20 मीटर दूर खड़ी एक पीले रंग की बस में धकेल दिया गया और वहां क़रीब आधे घंटे तक मुझे रखा गया."-येवगेनी पिवोवारोव, अस्पताल के प्रमुखउन्होंने बताया कि उस दौरान इन लोगों ने हमारे कुछ कर्मचारियों से क्राईमियाई लोगों के प्रति वफ़ादारी की क़सम खाने को कहा.

वहीं सिमफ़ेरोपोल और तटीय शहर सेवास्तोपोल के बीच बाखच्यसारी शहर में स्थानीय मिलिशिया ने एक वाहन डिपो पर धावा कर वहां पर खड़े ट्रकों पर कब्ज़ा करने की कोशिश की.हमलावरों ने चेतावनी देने के लिए हवा में गोलियां चलाईं लेकिन वहां तैनात  यूक्रेनी सैनिक ने हमले को नाकाम कर दिया.यूक्रेन के स्वायत्त क्षेत्र क्राईमिया में रूस समर्थक सैनिक, यूक्रेनी सुरक्षाबलों की नाकेबंदी कर रहे हैं. लेकिन रूस ने आधिकारिक स्तर पर इस बात से इनकार किया है कि उसके सुरक्षाबल इसमें शामिल हैं.रूस का कहना है कि बिना किसी निशान वाले ये हथियारबंद लोग क्राईमिया के आत्मरक्षा बलों का हिस्सा हैं.राजनैतिक समाधानसंयुक्त राष्ट्र में ब्रिटेन के प्रतिनिधि ल्याल ग्रांट ने कहा, ''जनमत संग्रह की वैधता के सवाल के बीच यह भी साफ़ है कि वहां स्वतंत्र और निष्पक्ष मतदान नहीं हो सकता, जब तक क्राईमिया रूसी सुरक्षाबलों और हथियारबंद मिलिशिया के ग़ैर क़ानूनी कब्ज़े में है, जो अंतरराष्ट्रीय पर्यवेक्षकों को वहां जाने से रोक रहे हैं.''उन्होंने कहा कि इसे देखते हुए अगर वहाँ 16 मार्च को जनमत संग्रह होता है तो सभी देशों को उसके नतीजों को ग़ैरक़ानूनी मानना चाहिए.

उधर, अमरीका और यूरोपीय संघ ने रूस को चेतावनी दी है कि अगर उसके सुरक्षाबल क्राईमिया में रहते हैं तो वे रूस पर और भी ज़्यादा कड़े प्रतिबंध लगाएंगे.अमरीकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कुछ दिन पहले ही एक आदेश जारी किया था. इसके तहत यूक्रेन में लोकतंत्र को कमज़ोर करने वाले लोगों की अमरीका में संपत्ति पर रोक लगाई जाएगी.इसके अलावा अमरीकी विदेश मंत्रालय उन रूसी अधिकारियों के वीज़ा या तो रद्द कर रहा है या फिर ख़ारिज कर रहा है, जो उनके मुताबिक यूक्रेन में अस्थिरता पैदा करने के लिए ज़िम्मेदार हैं.

Posted By: Subhesh Sharma