रेटिंग एजेंसी मूडी ने ब्रिटेन की क्रेडिट रेटिंग को घटाकर ट्रिपल ए से ए-ए वन कर दिया है. अगले कुछ सालों तक अर्थव्यवस्था की वृद्धि की रफ्तार मंद रहने की आशंका के चलते साल 1978 के बाद पहली बार ब्रिटेन की एएए क्रेडिट रेटिंग में कमी आई है.

मूडी पहली ऐसी रेटिंग एजेंसी है जिसने ब्रिटेन की उच्चतम रेटिंग में कटौती कर इसे एए1 कर दिया है. मूडी का कहना है कि सरकार की कर्ज कटौती योजना को अहम चुनौतियों का सामना करना पड़ा. वित्त मंत्री जॉर्ज ऑस्बर्न का कहना है कि इस फैसले से यह अंदाजा मिलता है कि देश कर्ज से जुड़ी चुनौतियों का सामना कर रहा है.

उनका कहना है, “इस फैसले से आर्थिक स्थिति को दुरुस्त करने की हमारी योजना की प्रतिबद्धता कमजोर नहीं होगी. हम इस योजना के अनुरूप काम जारी रखेंगे जिससे घाटे में एक-चौथाई की कटौती हुई है.”

कैसा होगा असर?
बीबीसी के राजनीतिक संपादक निक रॉबिंसन का कहना है, “बजट में उधारी की तादाद बढ़ने पर हालात और भी ख़राब होंगे लेकिन ज्यादातर लोगों को क्रेडिट रेटिंग के बजाय ईंधन, खाने-पीने की वस्तुएं और अन्य सामानों की ऊंची कीमतों और ब्याज़ दर में इजाफ़ा से फर्क पड़ेगा.”

मूडी का कहना है कि ब्रिटिश सरकार के बॉन्ड की साख उच्चतम स्तर पर रहने लायक नहीं है. मूडी ने अपने फैसले को सही ठहराते हुए कहा है कि ब्रिटेन में इस वक्त सुस्त आर्थिक विकास की जो रफ्तार दिख रही है वह इस दशक के अंतिम पांच वर्षों में भी बरकरार रहेगी और ऐसे में खर्च में कटौती से जुड़े उपाय को जारी रखना अहम होगा. इसके मुताबिक 2016 से पहले ब्रिटेन के भारी कर्ज में किसी भी तरह के बदलाव की कोई उम्मीद नहीं है.

ब्रिटेन को रेटिंग एजेंसियों मूडी और एसऐंडपी से 1978 से ही टॉप एएए क्रेडिट रेटिंग मिली हुई है. विपक्षी की तरफ से वित्तीय मामलों के प्रभारी बॉल्स ने कहा कि मूडी द्वारा रेटिंग घटाने का यह फैसला प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री के लिए अपमानजनक है जो यह कहते रहे हैं कि एएए रेटिंग उनकी आर्थिक और राजनीतिक साख की संकेतक है.

क्या है वजह?
मूडी ने कहा, “ब्रिटेन सरकार की बॉन्ड रेटिंग को कम कर एए1 करने की वजह यह है कि संरचनात्मक आर्थिक मज़बूती के बावजूद वैश्विक अर्थव्यवस्था में दिख रही मंदी की वजह से ब्रिटेन की आर्थिक वृद्धि की रफ्तार अगले कुछ सालों तक मंद रहेगी.”

हालांकि इसका कहना है कि ब्रिटेन के लिए इस एजेंसी का दृष्टिकोण ‘स्थिर’ है और हाल-फिलहाल में रेटिंग में कमी की कोई संभावना नहीं है. साथ ही इसका कहना है कि ब्रिटेन की साख ऊंचे स्तर पर बनी हुई है.

बीबीसी संवाददाता जॉन्टी ब्लूम का कहना है कि वित्त मंत्री ने जब से यह पद संभाला है तब से उन्होंने आर्थिक सफलता के मानदंड को दर्शाने वाली ब्रिटेन की टॉप रेटिंग को कायम रखा है और मूडी का यह कदम उनके लिए एक झटके की तरह होगा.

इससे ऑस्बर्न पर दोतरफा दबाव बढ़ेगा जिनमें कुछ ऐसे लोग हैं जो यह चाहते हैं कि वह करों में इजाफा करें और खर्च में कटौती करें, वहीं कुछ लोग चाहते हैं कि अगले महीने पेश होने बजट में वह नीतियों में बदलाव कर वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए ज्यादा खर्च करें.

 

Posted By: Garima Shukla