ब्रिटेन: नहीं रुक रहा महिलाओं का खतना
ब्रिटेन में महिलाओं का खतना गंभीर अपराध है. इसके बावजूद क़ानूनी कार्रवाई करने में मुश्किल पेश आई.ब्रिटेन में तीन दशकों से महिलाओं का ख़तना गैरक़ानूनी है लेकिन इस दरमियां किसी पर भी सफलता से मुक़दमा नहीं चलाया जा सका है.पढ़ें विस्तार सेब्रिटेन की स्वास्थ्य सेवा का अनुमान है कि देश में हर साल 20 हज़ार लड़कियों को खतने के ख़तरे का सामना करना पड़ता है.
ब्रिटेन के पहले मुक़दमे का नतीजा यह निकला कि आरोपों का सामना कर रहे डॉक्टर को रिहा कर दिया गया.हाल के सालों में ब्रिटेन में इस मसले पर जनजागरूकता बढ़ी है और सरकार पर इस समस्या से निपटने का दबाव भी.कानूनी कार्रवाई!
अपने बचाव में उन्होंने अदालत में कहा कि वे महिलाओं के खतने को घिनौना रिवाज़ मानते हैं पर उनकी सर्जरी से मरीज़ का रक्तस्राव रुक गया था.डॉक्टर धर्मसेना के मामले में पीड़िता एक वयस्क थीं जबकि महिलाओं के खतने की भुक्तभोगी ज़्यादातर लड़कियां होती हैं.सरकारी अभियोजन एजेंसी का कहना है कि पीड़ित पक्ष ज़्यादातर मामलों में सबूत देने से हिचकता है और कभी ऐसा कर भी देता है तो बयान से वापस पलट जाता है क्योंकि इसके पीछे उन्हें परिवार के दबाव का सामना करना होता है.स्वास्थ्य सेवा