आधार डाटा के मिसयूज होने व लीक होने की खबरों के बीच सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है। अब पहचान के लिए 12 अंकों के आधार की बजाए 16 अंकों की एक नई वर्चुअल आईडी का इस्तेमाल होगा। सूत्रों के मुताबिक यह आधार वैरिफिकेशन की जगह लेगा। यूनीक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया यूआईडीएआई ने दो स्तर का एक सुरक्षा नेट तैयार किया है। इसके तहत आधार वैरिफिकेशन के लिए हर शख्स की एक वर्चुअल आईडी तत्काल क्रिएट की जाएगी जिससे यह प्रक्रिया पूरी होगी। सभी एजेंसियां 1 जून तक इस सिस्टम को अपना लेंगी।


यह कैसे काम करेगा?
वर्चुअल आईडी व्यवस्था लागू हो जाने के बाद आधार वैरिफिकेशन ज्यादा सुरक्षित हो जाएगा। अब जहां आप वैरिफिकेशन के  लिए आधार का इस्तेमाल करते थे, अब वहां पर वर्चुअल आईडी यूज की जाएगी। वर्चुअल आईडी दरअसल कंप्यूटर द्वारा बनाया गया नंबर होगा, जो जरूरत पर तत्काल जारी किया जाएगा। वहीं दूसरी ओर सरकार केवाईसी के लिए आधार के इस्तेमाल को भी सीमित करेगी। अभी कई एजेंसियों के पास आपकी डिटेल पहुंच जाती है और वो उसे अपने पास रखते हैं। जब केवाईसी के लिए आधार का जरूरत ही कम हो जाएगी, तो ऐसी एजेंसियों की संख्या भी घट जाएगी, जिनके पास आपकी डिटेल होगी। महज एक दिन पहले ही आरबीआई के सहयोग से तैयार हुए रिसर्च नोट में आधार को लेकर गंभीर चिंता जताई गई है। केंद्रीय बैंक से जुड़े एक समूह ने कहा था कि आधार डाटा साइबर अपराधियों के लिए एक बत्तख की तरह है।आधार से बैंक अकाउंट लिंक में बड़ा फर्जीवाड़ा, ऐसे चेक करें सब ठीक है या नहींडाटाबेस में डाटा चोरी की बात उठी


अथॉरिटी ने अपने बयान में कहा था कि बायोमीट्रिक डाटाबेस से डाटा चोरी का कोई मामला सामने नहीं आया है, यह पूरी तरह सुरक्षित है। सर्च फैसिलिटी पर उपलब्ध जानकारी के बिना बायोमैट्रिक्स का दुरुपयोग नहीं किया जा सकता। यूआईडीएआई ने कहा था कि आधार नंबर कोई सीक्रेट नंबर नहीं है और आधार होल्डर की मर्जी पर किसी सेवा या सरकारी वेलफेयर स्कीम्स का फायदा लेने के लिए इसे अधिकृत एजेंसियों के साथ साझा किया जाता है।Alert! 1 जनवरी से घर बैठे मोबाइल को आधार से जोड़ने के नाम पर चल रहे फ्रॉड से बचें, जानें सही प्रक्रिया

Posted By: Satyendra Kumar Singh