उदयपुर मर्डर केस में एनआईए ने जांच शुरु कर दी है और पकड़े गए दोनों आरोपियों के खिलाफ यूएपीए के तहत मामला दर्ज कर लिया है। एजेंसी का कहना है कि कातिलों ने वीडियो इसलिए बनाया ताकि डर फैला सकें।


नई दिल्ली (पीटीआई)। राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने बुधवार को राजस्थान के उदयपुर में दो लोगों द्वारा एक दर्जी की “जघन्य हत्या” के संबंध में आतंकवाद विरोधी गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया। एजेंसी के एक प्रवक्ता ने कहा कि एनआईए की टीमें पहले ही उदयपुर पहुंच चुकी हैं और मामले की त्वरित जांच के लिए आवश्यक कार्रवाई शुरू कर दी गई है। उन्होंने कहा, "आरोपी व्यक्तियों ने देश भर में लोगों में दहशत फैलाने और आतंक फैलाने के लिए हत्या की जिम्मेदारी लेते हुए आपराधिक कृत्य का एक वीडियो भी सोशल मीडिया में प्रसारित किया था।"

किन-किन धाराओ में केस दर्ज
एनआईए कहा कि भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं और यूए (पी) ए के तहत मामला दर्ज किया गया है। मामला शुरू में उदयपुर के धनमंडी थाने में दर्ज किया गया था। एनआईए ने आरोपी के खिलाफ आईपीसी की धारा 452, 302, 153 (ए), 153 (बी), 295 (ए) और 34 और यूए (पी) अधिनियम, 1967 की धारा 16, 18 और 20 के तहत मामला फिर से दर्ज किया है। जिन्होंने 28 जून को राजस्थान के उदयपुर में कन्हैया लाल की जघन्य हत्या की साजिश रची, योजना बनाई और उसे अंजाम दिया। प्रवक्ता ने कहा कि दोनों आरोपियों ने मृतक को धारदार हथियारों से कई बार चोट पहुंचाई थी।

Posted By: Abhishek Kumar Tiwari