Udaipur City Palace: मेवाड़ राजपरिवार में विश्वराज सिंह के राजतिलक पर बवाल मचा है। विश्वराज सिंह के चाचा अरविंद सिंह अपने बेटे को राजगद्दी पर न बैठाए जाने से नाराज है। इसके चलते उन्होंने उदयपुर सिटी पैलेस के गेट बंद करा दिए। वहीं पैलेस में एंट्री से मना किए जाने के बाद विश्वराज सिंह के समर्थकों ने पत्थर फेंकना शुरू कर दिया और जबरन घुसने की कोशिश की। इस दौरान महल के अंदर मौजूद लोगों ने जवाबी कार्रवाई की जिससे संघर्ष और बढ़ गया।


उदयपुर (एएनआई)। Udaipur City Palace: उदयपुर के राजपरिवार के दो गुटों के बीच की लड़ाई अब सड़क पर आ गयी है। यहां मेवाड़ राजपरिवार में विश्वराज सिंह के राजतिलक पर बवाल मचा है। राजसमंद से भाजपा विधायक और मेवाड़ के नव-विजेता महाराणा विश्वराज सिंह मेवाड़ और उनके समर्थकों ने सिटी पैलेस यानी कि महल में प्रवेश करने से रोके जाने के बाद उसके बाहर डेरा डाल दिया। महल में प्रवेश से मना करने के बाद विधायक के समर्थकों ने पत्थर फेंकना शुरू कर दिया और जबरन घुसने की कोशिश की। इस महल के अंदर मौजूद लोगों ने जवाबी कार्रवाई की, जिससे स्थिति और बिगड़ गई। जिला कलेक्टर अरविंद कुमार पोसवाल के अनुसार, कुछ समय बाद मामले को नियंत्रण में कर लिया गया। इसके साथ ही बताया कि जिला प्रशासन ने विवादित धूनी माता मंदिर स्थल को रिसीवरशिप में ले लिया है।
राजभिषेक के बाद धूनी माता के मंदिर में दर्शन की परंपरा


राजपरिवार में विवाद कथित तौर पर भाजपा विधायक विश्वराज सिंह मेवाड़ के मेवाड़ के 77वें महाराणा के रूप में राज्याभिषेक के बाद शुरू हुआ। विश्वराज सिंह मेवाड़ को उनके पिता महेंद्र सिंह मेवाड़ के निधन के 12 दिन बाद ऐतिहासिक चित्तौड़गढ़ किले में पारंपरिक राज्याभिषेक समारोह के दौरान मेवाड़ राजवंश का उत्तराधिकारी घोषित किया गया। इस दौरान विश्वराज का राज तिलक एक पूर्व कुलीन व्यक्ति ने किया, जिसने तलवार से अपनी उंगली काटकर खून से उनका अभिषेक किया। राजभिषेक के बाद सिटी पैलेस में धूनी माता के मंदिर में दर्शन की परंपरा है। अरविंद सिंह मेवाड़ विश्वराज सिंह के राजभिषेक से नाखुशबतातें चले कि मौजूदा समय में उदयपुर के सिटी पैलेस पर विश्वराज सिंह मेवाड़ के चाचा अरविंद सिंह मेवाड़ का है। अरविंद सिंह मेवाड़ अपने भतीजे विश्वराज सिंह मेवाड़ के राजभिषेक से नाखुश हैं। उनका कहना है कि मेवाड़ राजवंश का उत्तराधिकारी उनके बेटे डॉ. लक्ष्य राज सिंह मेवाड़ का होना चाहिए। ऐसे में जब विश्वराज सिंह मेवाड़ का राजतिलक हुआ तो वह पुरजोर विरोध में उतर आए। इतना ही नहीं उन्होंने राजतिलक की परंपरा निभाने से रोकने के लिए उदयपुर के सिटी पैलेस के गेट बंद करा दिए ताकि महाराणा विश्वराज सिंह मेवाड़ धूनी माता के मंदिर में दर्शन न कर सके।

Posted By: Shweta Mishra