'गोल्ड' के एक सीन में दो हजार लोगों ने एक साथ की शूटिंग, जानें क्यों
इस सीन में न सिर्फ भारत, बल्कि बड़ी संख्या में विदेशी कलाकारों को शामिल किया गया। 1948 के ओलंपिक खेलों के दौरान हॉकी के फाइनल मुकाबले की शूटिंग के लिए कलाकारों का यह मजमा लगाया गया। इस फाइनल मुकाबले में भारत ने गोल्ड मेडल जीता था, जो आजाद भारत का पहला गोल्ड था। फिल्म के निर्माता रितेश सिधवानी का कहना है कि हम इस फाइनल मुकाबले को रियल बनाए रखना चाहते थे और इसके लिए हमने बड़ी संख्या में कलाकारों को इसका हिस्सा बनाया।
15 अगस्त को रिलीज होगी फिल्मवे कहते हैं कि यह सीन आज की पीढ़ी को एहसास कराएगा कि उस दौर में किन परिस्थिति में वह मैच खेला गया होगा। फिल्म में अक्षय कुमार बंगाल के तपन दास की भूमिका में हैं, जो इस ओलंपिक के लिए भारतीय हॉकी टीम को तैयार करते हैं। 15 अगस्त को रिलीज होने जा रही इस फिल्म में अक्षय के अलावा मौनी रॉय हैं, जो पहली बार फिल्मी पर्दे पर होंगी। विनीत कुमार सिंह, अमित साध, सनी कौशल सहायक भूमिकाओं में हैं। रीमा कातगी ने इस फिल्म का निर्देशन किया है।
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