हाल ही में मुंबई के एक कॉलेज के प्रिंसीपल ने गर्ल्‍स और ब्‍वॉय स्‍टूडेंटस के बीच ना सिर्फ बटवारा करके उन्‍हें अलग रहने के निर्देश दिये हैं बल्‍कि छात्राओं से कहा है कि वे जींस वगैरह पहनने की बजाय भारतीय महिलाओं जैसे कपड़ों में कॉलेज आयें। हालाकि कॉलेजों द्वारा छात्राओं की पोशाक पर पर समय समय पर कानून बनाने की घटनायें पहले भी होती रही हैं लेकिन इस बार प्रिंसीपल साहब के ईव टीजिंग रोकने के ये नये फंडे भारतीय ट्विटर स्‍पेस पर जम कर ट्रेंड कर रहे हैं। लोगों ने ड्रेस को छेड़छाड़ से जोड़ने को गलत बताते हुए ना सिर्फ इस सोच का मजाक बनाया है बल्‍कि कई दूसरे प्रोफेशंस का उदाहरण देते हुए पूछा है कि वहां भारतीय महिला की तरह ड्रेसअप होकर काम कैसे किया जा सकता है। आइये जाने प्रिसिपल साहब का फरमान और उन कुछ प्रोफेशन या मौकों के बारे में जहां भारतीय महिलाओं की ड्रेस का चलना मुश्‍किल है। इनमें से कई ट्विटर पर भी ट्रेंड कर रहे हैं।

 

 

ये है फरमान
कुछ लोगों ने ट्विटर पर प्रिसिंपल के आदेश की प्रति ट्विटर पर पोस्ट कर दिया है।

जिमनास्ट के लिए ड्रेस कोड  
सोचिए अगर कोई जिमनास्ट किसी प्रतियोगिता में परफार्म कर रही है तो क्या वो भारत के लिए जीतने की सोच सकती है, याद करिए दीपा करमाकर को।
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साड़ी में क्रिकेट
अगर भारतीय क्रिकेटर्स साड़ी या सलवार कुर्ते में गेंद फेंकती और बैटिंग और फील्डिंग करती दिखें तो क्या होगा महिला क्रिकेट का भविष्य।

सुरक्षा बल में साड़ी
अच्छा अगर सुरक्षाबलों जैसे पुलिस अधिकार, सैन्य अधिकारी और पायलेट्स यूनीफार्म की जगह साड़ी पहने तो कर पायेंगी देश की सुरक्षा में भागीदारी।
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कल्पना चावला और सुनीता विलियम्स का भविष्य
ऐसी भारतीय लड़कियां जो कल्पना चावला और सुनीता विलियम्स की तरह स्पेस में जाना चाहती है वो तो भूल ही जायें क्योंकी साड़ी में कोई स्पेससूट नहीं बना है।

रैंप वॉक  
अगर साड़ी, लंहगों और सूट्स के अलावा कुछ और पहनने का विकल्प ना हो तो फिर भारतीय महिला माडल्स का फैशन इंडस्ट्री में भविष्य ही खत्म हो जायेगा, क्योंकि रैंप पर तो कई ड्रेसेज की मॉडलिंग होती है।
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ब्यूटी कांटेस्ट में इंडिया आउट
इसके बाद तो लगता है अब आने वाले भविष्य में भारत से कोई मिस वर्ल्ड और मिस युनिवर्स नहीं बनेगी और ऐश्वर्या रॉय बच्चन और सुष्मिता सेन की जिस परंपरा को प्रियंका चोपड़ा और लारा दत्ता ने आगे बढ़ाया वो खत्म हो जायेगी क्योंकि इन प्रतियोगिताओं में नेशनल ड्रेस में बस एक ही राउंड होता है और वहां तक आने के लिए कई और राउंड पार करने होते हैं, जो साड़ी में नहीं होते। साथ ही बीच राउंड और बिकनी राउंड में भारतीय प्रतियोगियों को बाहर होना ही होगा।

 

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Posted By: Molly Seth