कैसे चलेगा इन क्षेत्रों में प्रिसिपल साहब का ये फरमान #DressLikeAnIndianWoman
कुछ लोगों ने ट्विटर पर प्रिसिंपल के आदेश की प्रति ट्विटर पर पोस्ट कर दिया है।
सोचिए अगर कोई जिमनास्ट किसी प्रतियोगिता में परफार्म कर रही है तो क्या वो भारत के लिए जीतने की सोच सकती है, याद करिए दीपा करमाकर को।
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अगर भारतीय क्रिकेटर्स साड़ी या सलवार कुर्ते में गेंद फेंकती और बैटिंग और फील्डिंग करती दिखें तो क्या होगा महिला क्रिकेट का भविष्य।
सुरक्षा बल में साड़ी
अच्छा अगर सुरक्षाबलों जैसे पुलिस अधिकार, सैन्य अधिकारी और पायलेट्स यूनीफार्म की जगह साड़ी पहने तो कर पायेंगी देश की सुरक्षा में भागीदारी।
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कल्पना चावला और सुनीता विलियम्स का भविष्य
ऐसी भारतीय लड़कियां जो कल्पना चावला और सुनीता विलियम्स की तरह स्पेस में जाना चाहती है वो तो भूल ही जायें क्योंकी साड़ी में कोई स्पेससूट नहीं बना है।
अगर साड़ी, लंहगों और सूट्स के अलावा कुछ और पहनने का विकल्प ना हो तो फिर भारतीय महिला माडल्स का फैशन इंडस्ट्री में भविष्य ही खत्म हो जायेगा, क्योंकि रैंप पर तो कई ड्रेसेज की मॉडलिंग होती है।
देखिए हर साल कैसे बदलता गया मिस यूनिवर्स का 'चेहरा'
इसके बाद तो लगता है अब आने वाले भविष्य में भारत से कोई मिस वर्ल्ड और मिस युनिवर्स नहीं बनेगी और ऐश्वर्या रॉय बच्चन और सुष्मिता सेन की जिस परंपरा को प्रियंका चोपड़ा और लारा दत्ता ने आगे बढ़ाया वो खत्म हो जायेगी क्योंकि इन प्रतियोगिताओं में नेशनल ड्रेस में बस एक ही राउंड होता है और वहां तक आने के लिए कई और राउंड पार करने होते हैं, जो साड़ी में नहीं होते। साथ ही बीच राउंड और बिकनी राउंड में भारतीय प्रतियोगियों को बाहर होना ही होगा। Interesting News inextlive from Interesting News Desk