Twitter ने मोहन भागवत समेत संघ के कई नेताओं के अकाउंट में भी वापस लगाए ब्लू टिक, IT मिनस्ट्री ने दी सोशल साइट को चेतावनी
नई दिल्ली (एएनआई)। ब्लू टिक मामले को लेकर चर्चा में आए ट्विटर द्वारा आईटी नियमों को गंभीरता से न लिए जाने पर एक बार फिर केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआईटीवाई) ने शनिवार को उसके खिलाफ सख्त रुख अपनाया है। नए मध्यस्थ दिशानिर्देश नियमों का पालन न करने का हवाला देते हुए मंत्रालय ने ट्विटर को एक फाइनल नोटिस भेजकर तुरंत नियमों का अनुपालन करने के लिए कहा। भारत सरकार ने ट्विटर को इस संबंध में चेतावनी भी दी कि अगर उसने ऐसा नहीं किया तो उस पर कानूनी कार्रवाई की जा सकती है। टि्वटर और केंद्र सरकार के बीच आईटी नियमों को लेकर छिड़ी तकरार थमने का नाम नहीं ले रही है। टि्वटर ने उपराष्ट्रपति और मोहन भागवत समेत संघ के कई नेताओं के अकाउंट से ब्लू टिक हटाकर इस मामले को और तूल दे दिया है।
भारत सरकार ने नए आईटी नियमों के अनुपालन के लिए ट्विटर को फाइनल नोटिस दिया। pic.twitter.com/talRZmdCYZ
— ANI_HindiNews (@AHindinews)
मोहन भागवत समेत इन नेताओं के टि्वटर अकाउंट से हटा था ब्लू टिक
हालांकि मामला बढ़ता देख ट्विटर ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत के साथ-साथ संगठन के कई अन्य नेताओं गोपाल कृष्ण, अरुण कुमार और सुरेश बी जोशी के पर्सनल अकाउंट् में फिर से ब्लू टिक लगा दिया। ट्विटर पर ब्लू टिक ये बताता है कि ये हैंडल ऑथेंटिक है। संघ सूत्रों के अनुसार, ट्विटर ने पिछले कई दिनों में आरएसएस के कई नेताओं के अकाउंट से ब्लू टिक हटा दिया है। इनके अकांउट्स को 2019 में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म द्वारा वैरीफाई किया गया था।
ट्विटर से संपर्क करने की कोशिश की लेकिन किसी ने जवाब नहीं दिया
इस संबंध में आरएसएस नेता राजीव तुली ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा था कि ट्विटर ने आरएसएस के कई पदाधिकारियों के खातों से सत्यापन चिह्न यानी कि ब्लू टिक वापस ले दिए थे। हमने इस संबंध में ट्विटर से संपर्क करने की कोशिश की लेकिन किसी ने कोई जवाब नहीं दिया था। इससे पहले ट्विटर ने आज दिन में भारत के उप-राष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू के निजी अकाउंट से भी ब्लू टिक हट दिया था। हालांकि हड़कंप मचने के बाद ट्विटर ने उसे फिर से रीस्टोर कर दिया है।