फैज की जन्मशताब्दी पर उनकी शायरी का ट्रान्सलेशन सलीमा के पति और जाने माने लेखक पेंटर शोएब हाशमी ने किया है. सलीमा ने कहा कि उन्होंने दृश्यों रेखाओं और लकीरों के जरिए शायरी को समझाने की कोशिश की है.


क्या आपने कभी किसी तस्वीर को देखकर किसी नज्म या कविता को समझने की कोशिश की है? मशहूर शायर फैज अहमद फैज की बेटी सलीमा हाशमी ने अपने पापा की शायरी के भावों को अपनी तस्वीरों के जरिए दर्शाने की कोशिश की है. ‘ए सांग फॉर दिस डे’ शीर्षक से तैयार इस किताब में फैज की 51 पोएम्स को इंग्लिश में ट्रान्सलेट किया गया है और हाशमी ने हर पोएम के भावों को तस्वीरों के माध्यम से दर्शाने की कोशिश की है.फैज की जन्मशताब्दी पर उनकी शायरी का ट्रान्सलेशन सलीमा के पति और जाने माने लेखक पेंटर शोएब हाशमी ने किया है. सलीमा ने कहा कि उन्होंने दृश्यों, रेखाओं और लकीरों के जरिए शायरी को समझाने की कोशिश की है.
फैज लेनिन शांति पुरस्कार हासिल करने वाले पहले एशियाई थे. उन्हें 1976 में लिट्रेचर के लोटस प्राइज से भी नवाजा गया. 1984 में उनका निधन हो गया था.

Posted By: Divyanshu Bhard