Nidahas Trophy : 20 साल पहले भारत के वो दो ओपनर बल्लेबाज, जिन्हें 45वें ओवर में आउट कर पाए थे श्रीलंकन गेंदबाज
1998 में खेली गई थी पहली निडास ट्रॉफी6 मार्च से 18 मार्च तक श्रीलंका में निडास ट्रॉफी का आयोजन किया जा रहा है। इसमें भारत, श्रीलंका और बांग्लादेश की टीमें आपस में भिड़ेंगी। निडास ट्रॉफी की इस बार खासियत यह है कि पहली बार यह टी-20 फॉर्मेट में खेला जाएगा। इससे पहले यह टूर्नामेंट 50-50 ओवर का होता था। निडास ट्रॉफी की शुरुआत 1998 में हुई थी। उस वक्त श्रीलंका देश को आजाद हुए 50 साल पूरे हो गए थे। इस खुशी में श्रीलंका में यह टूर्नामेंट आयोजित करवाया गया था। तब भारत, श्रीलंका और न्यूजीलैंड के बीच वनडे ट्राई सीरीज खेली गई थी। 15 दिनों तक चले इस टूर्नामेंट के कई मैच बारिश की वजह से धुल गए थे। ऐसे में प्वॉइंट के हिसाब से भारत और श्रीलंका की टीमें फाइनल में पहुंची।
7 जुलाई 1998 को कोलंबो के प्रेमदासा स्टेडियम में दोनों टीमों के बीच खिताबी भिड़ंत हुई। भारतीय क्रिकेट इतिहास में यह मैच हमेशा यादगार रहेगा। उस वक्त भारतीय टीम के कप्तान मो. अजहरुद्दीन थे। अजहर ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया। भारत की तरफ से ओपनिंग करने आए सचिन तेंदुलकर और सौरव गांगुली। दोनों जबर्दस्त फॉर्म में थे। सचिन-सौरव ने मिलकर श्रीलंकाई गेंदबाजों की जमकर धुनाई की। श्रीलंका के कप्तान ने कुल 7 गेंदबाजों का इस्तेमाल किया, मगर कोई भी इस ओपनिंग जोड़ी को नहीं तोड़ पाया। सचिन-सौरव ने करीब 45 ओवर तक बैटिंग की और 252 रन पर भारत का पहला विकेट गिरा। इस मैच में तेंदुलकर ने 128 और गांगुली ने 109 रन बनाए थे। तब यह भारत की सबसे बड़ी ओपनिंग साझेदारी थी। भारत ने निर्धारित 50 ओवर में 307 रन का पहाड़ जैसा स्कोर खड़ा कर दिया। 2003 वर्ल्डकप में गांगुली को थी धोनी की जरूरत, मगर वो प्लेटफॉर्म पर टिकट चेक कर रहे थेआखिर में 6 रन से जीता था भारत
भारत द्वारा मिले 308 रन के लक्ष्य का पीछा करने उतरी श्रीलंका टीम ने काफी सधी शुरुआत की। ओपनर बल्लेबाज जयर्सूया और कलूविथराना ने 8 ओवर में ही टीम का कुल स्कोर 60 रन पहुंचा दिया। भारत की तरफ से जो काम सचिन-सौरव कर रहे थे उसी को श्रीलंकन ओपनर भी दोहरा रहे थे। दोनों की साझेदारी ज्यादा बढ़ती इससे पहले ही भारत के तेज गेंदबाज अजीत आगरकर ने जयसूर्या को चलता किया। अब बैटिंग करने आए श्रीलंका के दिग्गज बल्लेबाज अरविंद डी सिल्वा, उन्होंने भारतीय गेंदबाजों की खूब धुनाई की और शानदार शतक जड़ दिया। अब लगा कि यह मैच भारत के हाथों से निकल जाएगा। मगर आगरकर ने फिर से अपना जादू दिखाया और डी सिलवा को चलता किया। इसके बाद श्रीलंकन टीम हड़बड़ा सी गई तीन बल्लेबाज तो रन आउट हो गए और भारत यह मैच 6 रन से जीत गया।