इस्तांबुल: दो की मौत, पर डटे हुए हैं प्रदर्शनकारी
मुल्क के प्रमुख शहर इस्तांबुल के ऐतिहासिक क्लिक करें गेज़ी पार्क को लेकर शुरू हुआ प्रदर्शन कम से कम 67 शहरों में फैल गया है और 1700 लोगों की गिरफ्तारियां हो चुकी हैं. रविवार को एक कार से प्रदर्शनकारियों के टकरा जाने के बाद घायल हुए एक व्यक्ति की अस्पताल में मौत हो गई है. इसके अलावा अन्टाक्या नाम के शहर में गवर्नर कार्यालय ने एक दूसरे प्रदर्शनकारी की मौत की पुष्टि की है.22 वर्षीय अब्दुल्लाह कोमर्ट प्रदर्शनों के दौरान घायल हुए थे और बताया जा रहा है कि उनकी मौत भी उसी कारण हुई. वे विपक्षी दल रिपब्लिकन पीपुल्स पार्टी की युवा इकाई के सदस्य थे. तुर्की की सरकार गेज़ी पार्क की जगह एक शापिंग सेंटर बनाना चाहती है.
सोमवार को क्लिक करें इस्तांबुल में पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच उस वक्त झड़पें हुईं जब शाम के वक्त हजा़रों लोग तक़सीम चौक में जमा हो रहे थे. बीबीसी संवाददाता पॉल मैसन का कहना है कि भीड़ पर आसमान में मंडरा रहा हेलिकॉप्टर अपनी तेज रोशनी से बराबर लोगों पर नज़र बनाए था और हवा में आंसू गैस का धुंआ तैर रहा था. हड़ताल
राजधानी अंकारा से भी झड़पों की ख़बरे हैं. पुलिस ने प्रधानमंत्री निवास की तरफ जाने की कोशिश कर रहे प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े और पानी की तेज़ बौछारें की.तुर्की के मुख्य मज़दूर संगठन, द पब्लिक वर्कर्स यूनियन या केईएसके ने मंगलवार से दो दिनों की हड़ताल बुलाई है. प्रधानमंत्री रिज़ेप ताईप अर्दोगान ने प्रदर्शनकारियों को चरमपंथी क़रार दिया है और विपक्ष को प्रर्दशनों के लिए ज़िम्मेदार ठहराया.लेकिन एक प्रदर्शनकारी ने बीबीसी को बताया, "क्या हम उग्रवादी हैं? ये बहुत ही संदेहास्पद है, मैं तीन घंटे पहले गलियों में घूम रहा था. वहां हाई स्कूल के बच्चे, विश्वविद्यालय के छात्र, बुज़ुर्ग और हर तरह के लोग थे जो अधिक आज़ादी और अपने अधिकारों की मांग कर रहे थे. पुलिस बहुत ज्यादा बल का प्रयोग कर रही है. अगर प्रधानमंत्री हमें उग्रवादी कह रहे हैं तो उनकी नीति क्या है? उनकी नीति ये है कि हम सबको मौत के घाट उतार दिया जाए."इस बीच प्रधानमंत्री रिज़ेप ताईप अर्दोगान ने ये कहते हुए अपनी मोरक्को यात्रा जारी रखी कि तुर्की में हालात सुधर रहे हैं. मोरक्को पहुंचने के बाद उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि स्थिति 'शांत हो रही है'.