26/11 प्लान करने के बावजूद लश्कर से क्यों नाराज थी ISI, उठाने पड़े थे ये कदम
जेहाद के नाम पर करोड़ों रुपये का चंदासूत्रों के अनुसार, टुंडा ने बताया कि लश्कर चीफ हाफिज सईद को जेहाद के नाम पर हर साल करोड़ों रुपये चंदा मिलता है. कई पाकिस्तानी बैंकों में उसके नाम खाते हैं जिनमें करोड़ों रुपये जमा हैं. टुंडा ने जांच एजेंसियों को अलफलाह बैंक में हाफिज सईद के एक बैंक खाते की भी जानकारी दी है, जिसमें पांच करोड़ से अधिक रुपये हैं. टुंडा ने बताया कि लश्कर की आतंकी योजनाओं में वह खुद कभी शामिल नहीं हुआ. हालांकि, उसे हाफिज सईद से सभी जानकारियां मिलती रहती थीं.पाकिस्तान गया था डेविड हेडली
टुंडा ने बताया कि अमेरिका द्वारा पकड़े गए पाकिस्तानी मूल के लश्कर आतंकी डेविड हेडली ने मुंबई हमले से पूर्व पाकिस्तान की यात्रा की थी. इस दौरान वह लखवी, राणा इख्तियार खां तथा इफ्तिखार बहावलपुरी से मिला था. राणा इख्तियार खां लखवी का बेहद खास है. अधिकारियों के अनुसार, मुंबई हमलों में मारे गए 166 लोगों में 28 विदेशी नागरिक थे. विदेशी नागरिकों के मारे जाने के बाद पाकिस्तान पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दबाव पड़ा था. टुंडा ने बताया कि आइएसआइ का मकसद केवल भारत में आतंकवाद फैलाना है, जबकि लश्कर का मकसद आतंकी वारदात कर अंतरराष्ट्रीय ध्यान आकर्षित करना है.सलाउद्दीन केवल कश्मीरी गु्रप तक सीमित
टुंडा के मुताबिक हिजबुल मुजाहिदीन के मुखिया सैयद सलाउद्दीन के पास ज्यादा लोग नहीं हैं. वह केवल कश्मीरी आतंकियों के ग्रुप की कमान संभालता है. हाफिज सईद या मौलाना अजहर मसूद की तरह वह हर बैठक में मौजूद नहीं रहता. Report by: Pradeep Kumar Singh (Dainik Jagran)