जिंदा लोगों की जुबानी उनकी मौत की कहानी
डर, जानवरों या पौधों को देखना, चमकीली रौशनी, हिंसा और उत्पीड़न, पहले देखा हुआ कोई दृश्य, परिवार की यादें और दिल का दौरा पड़ने के बाद की घटनाएं। सब लोगों के अनुभव सुखद नहीं होते हैं। कुछ को डरावने अनुभव भी होते हैं। एक मरीज को दिखा कि वो एक समारोह में गया था जहां आग लग गयी। उसके साथ 4 लोग थे और जो झूठ बोलता था उसकी मौत हो जाती थी। उसने लोगों को ताबूत में दफन होते भी देखा। किसी और ने बताया की उसे किसी ने गहरे पानी में खींच लिया था। कई लोगों को प्रसन्नता और शांति के दृश्य भी दिखे। एक ने बताया कि उसके चारों ओर पौधे थे पर उन पर फूल नहीं थे। वहीं दूसरे को शेर और बाघ दिखाई दिया। किसी को चमकीली रौशनी दिखाई दी तो किसी को अपना परिवार नजर आया।
डॉक्टर पारनिया के अनुसार ये अनुभव मरीजों की पृष्ठभूमि पर आधारित होते हैं। तो अगर कोई भारत का है तो उसे श्री कृष्ण दिखेंगे किसी अमेरिकी शख्स को ईसा मसीह दिखेंगे। ईश्वर की शक्ल तो हर किसी के लिए अलग है और इसीलिए इन अनुभवों का क्या मतलब है उस पर वैज्ञानिक शोध करने मे जुटे हैं। मृत्यु के बाद की दुनिया वैज्ञानिकों और मेडिकल विद्वानों के लिए एक बड़ी रोचक पहेली है। शोधकर्ताओं के अनुसार जब दिल धड़कना बंद हो जाता है या इंसान के दिमाग को रक्त नहीं मिलता है तब तकनीकी तौर पर इंसान को मृत घोषित कर दिया जाता है। लेकिन मेडिकल क्षेत्र में कई ऐसी घटनाएं घटी हैं जिसमें इंसान मृत होने के बाद फिर से जीवित हुआ है और तब से मौत के विज्ञान पर शोध होना चालू हो गया है।