दुनिया रंग-बिरंगी जीवों से भरी पड़ी है। इसमें कुछ शिकारी हैं तो कुछ शिकार होने वाले जीव। जो जीव दूसरे जानवरों का निवाला बन सकते हैं वो ख़ुद को बचाने के लिए तरह-तरह के ढंग अपनाते हैं। कभी उनका शरीर आस-पास के माहौल में घुल-मिल जाने वाला होता है तो कभी वो क़ुदरती तौर पर ख़ुद को छुपा लेते हैं।
दुनिया में कई जानवर ऐसे हैं, जो नंगी आंखों से दिखाई ही नहीं देते। उनके अंदर ऐसी ख़ूबी होती है कि रोशनी उनके शरीर से गुज़र जाती है। इस वजह से वो शिकारी जानवरों को दिखाई नहीं देते।
ज़्यादातर पारदर्शी जीव समंदर में पाए जाते हैं। इन जीवों के पास दो विकल्प होते हैं। या तो वो अपना शरीर माहौल के रंग-रूप के हिसाब से ढाल लें। या फिर रोशनी को अपने अंदर से गुज़र जाने दें। जब रौशनी उनके शरीर पर रुकेगी नहीं, तो वो शिकारी जानवरों को दिखाई नहीं देंगे। चलिए आपको ऐसे ही कुछ जीवों से मिलाते हैं।
ग्लास ऑक्टोपस
समुद्री जीवों की ये नस्ल भी शीशे जैसे शरीर से बनी होती है। इसके शरीर के आर-पार भी रोशनी गुज़र जाती है। ये जानवर समुद्र तल से 200 से हज़ार मीटर की गहराई में रहते हैं। वहां तक रोशनी पहुंच जाती है। इसीलिए इनका शरीर पारदर्शी होता है।
हालांकि इनकी आंखें पारदर्शी नहीं होतीं। इससे इनके शिकारी जीवों के हाथ आने का ख़तरा होता है। इससे बचने के लिए ये जीव अपनी आंखों के नीचे से रोशनी फेंकते हैं। इस रोशनी की मदद से ये शिकारी जीवों को झांसा देने में कामयाब हो जाते हैं।
टोमोप्टेरिस (समुद्री कीड़ा)
ये बंदूक की नली जैसे जानवर होते हैं। इनका पूरा शरीर पारदर्शी होता है। ये जानवर तैरते हुए ही अपना पेट भी भरते हैं। तैरने के दौरान इनके शरीर से जो पानी गुज़रता है, उसी में मौजूद काई से ये अपना पेट भरते हैं।जेलीफ़िश जैसे दिकने वाले सैल्प, असल में काफ़ी ऊंची पायदान की नस्ल वाले जीव हैं। इनके शरीर में दिल भी होता है और मछलियों जैसे गिल भी। ये जानवरों की तरह भी रहते हैं और पौधों की तरह भी। ज़िंदगी के आख़िरी हिस्से में इनके शरीर से कई छोटे-छोटे सैल्प उग आते हैं, जो आगे चलकर पूरे जानवर में तब्दील हो जाते हैं।
हाइपराइडनीलम जैसे दिखने वाले चींटी जैसे ये जीव गर्म समुद्री पानी वाले इलाक़ों में पाए जाते हैं। इन जीवों के शरीर से तरह-तरह के इंद्रधनुषी रंग निकलते हैं। कभी ये चमकदार दिखाई पडते हैं, तो कभी इनके शरीर की चमक अचानक से ग़ायब हो जाती है।ऐसे ही ये शिकारी जानवरों को चकमा देते हैं। इसके शरीर पर क्रिस्टल की प्लेटों की क़तार सी बनी होती है, जिनके बीच से रंग-बिरंगी रोशनी निकलती है।
आपने देखा कि समुद्र में तो कई पारदर्शी जीव पाए जाते हैं, जो ख़ुद को छुपा लेते हैं। मगर धरती पर ऐसे बहुत कम जीव पाए जाते हैं। क्योंकि धरती पर रोशनी को शरीर से गुज़र जाने देना या पारदर्शी शरीर का होना आम तौर पर मुमकिन नहीं।
फिर भी कुछ जीव ऐसे हैं, जो काफ़ी हद तक पारदर्शी होते हैं।
ग्लासविंग बटरफ्लाईमध्य अमरीका में पाई जाने वाली ग्लासविंग बटरफ्लाई नाम की तितली के पंख पारदर्शी होते हैं। रोशनी इसके आर-पार हो जाती है। असल में इस तितली के पंखों में बेहद पतले रोएं होते हैं, जिनकी मदद से ये रोशनी को छिटका देती है। इसीलिए ऐसा लगता है कि इसके पंख पारदर्शी हैं।यूरोप में एक घोंघा पाया गया है जिसके शरीर के एक बड़े हिस्से से रोशनी गुज़र जाती है। हालांकि ये घोंघे बेहद गहरी गुफ़ाओं में अंधेरे में रहते हैं। ऐसा ही एक घोंघा क्रोएशिया में पाया गया है। ये क़रीब एक हज़ार मीटर की गहराई में स्थित एक गुफ़ा में पाया गया था।
घोंघे की ये नस्ल अपने आप हिल भी नहीं सकती। ये बहते हुए पानी की मदद से एक जगह से दूसरी जगह जा पाते हैं। इस घोंघे के एक हिस्से से रोशनी गुज़र जाती है। हालांकि इसके बावजूद ये घोंघा नंगी आंखों से देखा जा सकता है।
साफ़ है कि धरती के ऊपर पारदर्शी जीव होना मुश्किल है।
Posted By: Satyendra Kumar Singh