बिग बैश लीग के अगले सीजन में सिक्के की बजाए बैट से टाॅस किया जाएगा। एेसा इसलिए किया जा रहा ताकि दर्शकों का ध्यान आकर्षित किया जा सके। हालांकि बैट से टाॅस होना क्रिकेट में नया नहीं। 18वीं शताब्दी में भी कुछ एेसा ही होता था।

कानपुर। 2019 में ऑस्ट्रेलिया में होने वाली बिग बैश लीग में एक बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा। इस टी-20 लीग के सभी मैचों में एक नए तरीके से टाॅस किया जाएगा। अभी तक क्रिकेट में टाॅस के लिए सिक्के का इस्तेमाल होता था मगर बीबीएल के अगले सीजन में बैट से टाॅस किया जाएगा। क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने अभी दो दिन पहले ही इसको लेकर एक ट्वीट किया था। मैच से पहले रेफरी बैट को हवा में उछालेगा और गिरने से पहले कप्तान को 'हिल्स' या 'फ्लैट' बोलना होगा। ये बैट अन्य बैट्स की तुलना में थोड़ा अलग होगा।
18वीं सदी में होता था बैट से टाॅस
बैट से टाॅस की खबर के बाद क्रिकेट फैंस के बीच एक अलग एक्साइटमेंट देखा जा रहा। मगर आपको बता दें क्रिकेट में इस तरह से टाॅस होना कोई नया नहीं है। 18वीं सदी में बैट से टाॅस की शुरुआत हुई थी। भारतीय क्रिकेट टीम के आंकड़ों के विश्लेषक मोहनदास मेनन ने मिडडे से बातचीत में कहा, 'बैट से टाॅस होना पुरानी प्रक्रिया हो चुकी है। इसकी शुरुआत 18वीं सदी में हुई थी मगर सिक्के से टाॅस होने के बाद इसे खत्म कर दिया गया था।'

The coin toss in the KFC Big Bash League is no more, with captains instead facing a decision between ‘hills’ and ‘flats’: https://t.co/DoftHKEqvh pic.twitter.com/5VRYHQtzq7

— cricket.com.au (@cricketcomau) 11 December 2018

70 के दशक के बाद से बदलता रहा क्रिकेट
बीबीएल में जिस बैट से टाॅस किया जाएगा वह कूकाबूरा बैट होगा। पूर्व पाकिस्तानी कप्तान आसिफ इकबाल को यह नया तरीका रोचक तो लग रहा मगर वह भी इसे पुराना बताते हैं। आसिफ का कहना है, '70 के दशक के बाद क्रिकेट में लगातार बदलाव होता जा रहा। रंगीन कपड़े, फ्लडलाइट मैच, सफेद गेंद, पिंक गेंद के बाद अब बैट से टाॅस एक नई प्रक्रिया है।'
टाॅस को लेकर क्या है आईसीसी का नियम
मेलबर्न क्रिकेट क्लब के एकेडमी मैनेजर इयान फ्रेजर कहते हैं, 'बैट से टाॅस करने का नियम क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया का है। हालांकि इसके लिए उन्हें आईसीसी से बात करनी होगी क्योंकि नियमों के मुताबिक, टाॅस के लिए सिक्का ही अनिवार्य है। नियम 13.4 के मुताबिक, 'कोई भी कप्तान पारी के चयन के लिए सिक्के का इस्तेमाल करेगा और यह टाॅस उसी मैदान पर होगा जहां मैच होने वाला है। यही नहीं टाॅस के समय एक या दो अंपायर मौजूद रहेंगे। इसके अलावा यह टाॅस मैच शुरु होने के न तो 30 मिनट पहले होगा और न ही शेड्यूल के 15 मिनट बाद।'

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Posted By: Abhishek Kumar Tiwari